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UP Latest news : एयरपोर्ट से देवरिया के लिए रवाना हुआ शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह का पार्थिव शरीर

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UP Latest News: Dead body of martyr Captain Anshuman Singh left for Deoria from airport

सियाचिन ग्लेशियर पर सेना के फाइबर ग्लास बंकर में आग लग गई। इसमें कई जवान अंदर ही फंस गए। यह देख अंशुमान अपनी साहस का परिचय देते हुए जवानों को बाहर निकालने में जुट गए। उन्होंने कई जवानों को बाहर निकाल अस्पताल के लिए भेजवाए। इसी दौरान वह आग के चपेट में आ गए। जिसके बाद शहीद हो गए।

सियाचिन के ग्लेशियर में बलिदान हुए लार ब्लाक के बरडीहा दलपत निवासी शहीद रेजिमेंटल मेडिकल आफिसर कैप्टन अंशुमान सिंह के गांव में तीसरे दिन भी सन्नाटा फैला हुआ है। अधिकारियों व क्षेत्रीय लोगों सहित जनप्रतिनिधियों के आने-जाने का सिलसिला सुबह से ही शुरू है। सभी अपने वीर सपूत के पार्थिव शरीर के आने के इंतजार में हैं। पार्थिव शरीर गोरखपुर एयरपोर्ट से देवरिया के लिए निकल गया है।

बरडीहा के रेजिमेंटल मेडिकल आफिसर कैप्टन अंशुमान सिंह (26) की तैनाती सियाचिन ग्लेशियर में थी। बुधवार की तड़के तीन बजे फाइबर ग्लास बंकर में आग लग गई। यह देख अंदर फंसे जवानों को अंशुमान बचाने लगे। उन्होंने तीन जवानों को कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाल दिए। इसके बाद खुद शहीद हो गए।

इसकी सूचना मिलते ही गांव सहित इलाके के लोगों की भीड़ दरवाजे पर जुट गई। परिजनों के मुताबिक उनका पार्थिव शरीर सुबह दस बजे हवाई मार्ग से गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचना था। लेकिन अधिक बर्फबारी होने की वजह से वहां की उड़ाने रद्द हो गईं। जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार को पैतृक गांव नहीं आ सका। शुक्रवार को पार्थिव शरीर गोरखपुर से निकल चुका है।

अंशुमान का शव बृहस्पतिवार को सियाचिन ग्लेशियर से लेह एयरपोर्ट से हवाई मार्ग द्वारा गोरखपुर एयरपोर्ट पर सुबह दस बजे के करीब आना था। इसकी सूचना पर ग्रामीण व परिवार के लोग गोरखपुर पहुंचे थे। इसी बीच लेह में बर्फबारी शुरू हो गई। जिसके वजह से उड़ान बाधित हो गई। इसके बाद उनका शव नहीं आ सका था।

अंदर फंसे जवानों को बचा खुद को नहीं बचा सके अंशुमान

बुधवार की सुबह तड़के तीन बजे सियाचिन ग्लेशियर पर सेना के फाइबर ग्लास बंकर में आग लग गई। इसमें कई जवान अंदर ही फंस गए। उधर पल भर में आग ने विकराल रूप ले लिए। यह देख अंशुमान अपनी साहस का परिचय देते हुए जवानों को बाहर निकालने में जुट गए। उन्होंने कई जवानों को बाहर निकाल अस्पताल के लिए भेजवाए। इसी दौरान वह आग के चपेट में आ गए। जिसके बाद शहीद हो गए।

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