UP news : पर्यटन स्थलों पर भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटकों की गणना करने एवं उनके अनुभव को साझा करने के लिए प्रदेश के 247 स्थलों पर आने वाले पर्यटकों का एक वर्ष तक सर्वे कराया जाएगा। यह स्थल प्रत्येक जिले में स्थित हैं, जहां एक सितंबर 2024 से 31 अगस्त 2025 तक सर्वे होगा। इसके लिए पर्यवेक्षक लगाये जाएंगे। इन पर्यवेक्षकों को सर्वेक्षण से जुड़ी विभिन्न जानकारी देने के लिए बुधवार को लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 200 से अधिक सर्वेयरों को प्रशिक्षित किया गया।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के अलावा इन सर्वेयरों को चारबाग रेलवे स्टेशन और बीकेटी स्थित चंद्रिका देवी मंदिर का स्थलीय निरीक्षण भी कराया गया। उन्होंने बताया कि सरकार पर्यटकों को और अच्छी सुविधाएं दे सके, इसके लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार, नियोजन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में प्रत्येक जिले का सर्वे कराया जा रहा है। इसके लिए आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ लोकल सेल्फ गर्वन्मेंट (एआईआईएलएसजी) को कार्यदायी संस्था चुना गया है।
सर्वे के द्वितीय चरण के लिए प्रदेश में 247 पर्यटन स्थलों को चिह्नित किया गया है। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम के नेतृत्व में सर्वे का प्रथम चरण जून माह में पूरा कराया गया। पर्यटन स्थलों के साथ ही रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, हवाई अड्डे एवं अन्तर्राष्ट्रीय एवं अन्तर्राज्यीय सीमाओं पर स्थित मार्ग के प्रवेश-निकास स्थल, होटलों, रेस्टोरेंट, धर्मशाला, लॉज, गेस्ट हाउस, होम-स्टे, पेईंग गेस्ट एवं ढाबे इत्यादि विश्राम स्थलों में आने वाले पर्यटकों की गणना की गई है।
निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा ने बताया कि सर्वे के दो मुख्य उद्देश्य है। पहला पर्यटकों की गणना करना, दूसरा उद्देश्य है कि वह कितना खर्च कर रहा है। ताकि हमें पता चल सके कि पर्यटन क्षेत्र से कितने लोगों को रोजगार मिल रहा है और संभावनाएं क्या हैं। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े बहुत महत्वपूर्ण होंगे। प्रशिक्षण के दौरान पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के असिस्टेंट डायरेक्टर अमित कुमार, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया, उपनिदेशक पूजा अग्निहोत्री, नियोजन विभाग के उपनिदेशक नवीन चतुर्वेदी समेत अन्य मौजूद रहे।
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