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यूपी में “भारत बंद” अंदोलन पूरी तरह ध्वस्त, पूरी तरह से खुले रहे बाजार

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"Bharat Bandh" movement in UP completely collapsed, markets remained completely open

उत्तर प्रदेश में आगरा व सहारनपुर को छोड़ कर भारत बंद बेअसर रहा। प्रदेश के अधिकांश जिलों में व्यापारियों ने दुकानें खोलीं और कारोबार किया। राज्य सरकार की मुस्तैदी के चलते बंद केवल ज्ञापन देने तक ही सीमित रहा। आगरा में दलित संगठनों ने एमजी रोड को जाम कर दिया। कासगंज में भी हाइवे पर जाम लगा दिया गया। एटा में जुलूस के दौरान एक गाड़ी पर पथराव कर दिया गया। फिरोजाबाद में बंद को लेकर झपड़ें हुईं। सहारनपुर घंटाघर चौक पर जाम से निकलने का प्रयास कर रही एक गाड़ी में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ कर दी।

लखनऊ में बंद का कहीं भी असर नहीं दिखाई दिया। पुलिस की सख्ती से तय स्थानों पर धरना प्रदर्शन कर बसपा व सपा के कार्यकर्ता ज्ञापन देकर चले गए। बसपा जिला कमेटी की ओर से हजरतगंज स्थित बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के पास प्रदर्शन हुआ। इससे जाम की स्थिति बन गई। समाजवादी पार्टी महानगर कमेटी की ओर से परिवर्तन चौक पर विरोध प्रदर्शन किया गया। भीम आर्मी के लोग भी विरोध में शामिल थे।

दूसरी ओर सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, बलरामपुर, गोंडा, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, बहराइच व श्रावस्ती में बंद बेअसर रहा। कानपुर में भी बंद का कोई असर नहीं दिखा। पी रोड, सीसामाऊ बाजार, नवीन मार्केट, गुमटी, लाल बंगला जैसी अभी प्रमुख मार्केट में रोजाना की तरह चहल पहल रही। दलित बस्तियों से लगीं गोविंद नगर, चावला मार्केट, शास्त्री नगर मार्केट में सुबह दुकानदार आए और बंदी का असर का जायजा लिया। विरोध में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया।

आगरा में भारत बंद का मिला जुला असर रहा। भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी, बसपा और सपा के कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट जाकर ज्ञापन दिया। एमजी रोड जाम से रोडवेज यात्रियों को पैदल चलना पड़ा। कासगंज में बरेली हाइवे पर जाम लगा दिया गया। इससे करीब एक घंटे जाम लगा रहा। रूट डायवर्ट कर पुलिस ने व्यवस्था संभाली। एटा में जुलूस के दौरान फंसे एक भाजपा नेता की गाड़ी पर पथराव की स्थिति बनी तो उन्होंने कार वापस कर ली। वहीं फिरोजाबाद के एका कस्बे में सुबह जबरन दुकान बंद कराने को लेकर पुलिस से झड़प हुई। मैनपुरी के भोगांव आदि कस्बों में समर्थकों ने अपनी दुकानें बंद रखीं, जबकि सामान्य तौर पर बाजार खुले रहे।

गोरखपुर में भारत बंद का कोई असर नहीं दिखा। गोलघर, असुरन, घंटाघर, आर्यनगर, मोहद्दीपुर, महेवा, साहेबगंज समेत सभी प्रमुख बाजार खुले रहे। महराजगंज के शिकारपुर में बंद समर्थकों ने जाम लगाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें हटा दिया। बस्ती में दिन में 11 बजे तक कुछ दुकानें बंद रहीं लेकिन दोपहर से सभी खुल गईं। संतकबीरनगर में भी ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ जगहों पर बंद समर्थकों से दुकानदारों की नोकझोंक हुई।

बरेली में मिलाजुला असर दिखा। शाहजहांपुर रामलीला मैदान में प्रदर्शन के चलते तीन घंटे तक जाम लगा रहा। मुरादाबाद में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव होते-होते बचा। अमरोहा समेत गजरौला व हसनपुर में कई संगठनों पैदल मार्च निकाला गया। प्रयागराज में बसपा व सपा कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। कलक्ट्रेट पहुंचने पर फोर्स ने रोकने की कोशिश की लेकिन बसपाई अंदर घुस गए। पूर्वांचल में मिलाजुला असर दिखा। गाजीपुर में कुछ देर के लिए सड़क जाम किया गया। चंदौली के पड़ाव में सुबह दुकानें बंद थीं लेकिन 11 के बाद खुल गई। सोनभद्र, मिर्जापुर, जौनपुर, मऊ और बलिया में कोई असर नहीं दिखा।

पश्चिमी यूपी में बाजारों में बंद का असर नहीं दिखा। मेरठ में बसपा, आजाद समाज पार्टी व समाजवादी पार्टी ने ज्ञापन दिया। सपाइयों ने दो गुटों में कलक्ट्रेट और कमिश्नरी पर प्रदर्शन किया। सहारनपुर में जुलूस के चलते करीब तीन घंटे जाम रहा। बुलंदशहर व हापुड़ में सड़कों पर बंद समर्थकों की भारी भीड़ दिखी। मुजफ्फरनगर में बसपा, असपा और भीम आर्मी ने जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। बिजनौर में शक्ति चौराहे पर प्रदर्शनकारी युवा सड़कों पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की। इससे जाम हो लग गया।

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