Eastern UP Weather: पूर्वी यूपी में मई में दिन के साथ रात में भी गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। रविवार की रात के तापमान ने बीते 39 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। न्यूनतम तापमान 30.3 डिग्री सेल्सियस रहा। यह वर्ष 1985 के बाद मई में सर्वाधिक न्यूनतम तापमान है। वर्ष 1985 में मई में रात का तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। वहीं, वर्ष 2000 में 13 मई को रात का तापमान 30.2 डिग्री पहुंचा था।
विशेषज्ञों के अनुसार, रात के तापमान में इजाफे की मुख्य वजह गर्म पछुआ हवा है। इसके कारण हवा में नमी कम हो गई है। आसमान से बदल गायब हो गए हैं। ऐसे में हीट इंडेक्स बढ़ जा रहा है। रात में बेतहाशा गर्मी से लोगों की तबीयत खराब होने लगी है। उधर, बीते 24 घंटे में दिन के तापमान में आंशिक गिरावट हुई। शनिवार को अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री सेल्सियस था। जो रविवार 41.6 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से 3.5 डिग्री सेल्सियस अधिक है। मौसम विभाग के मुताबिक दिन और रात के तापमान में अभी इजाफा होगा। दिन का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। रात में भी पारा अभी और उपर जा सकता है।
बीते 100 साल में चौथी सबसे गर्म रात मौसम विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने बताया कि रविवार को मई माह में तापमान के लिहाज से बीते 100 साल में चौथी सबसे गर्म रात थी। 1985 में मई में रात का तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस तक चला गया था। वहीं वर्ष 1974 में मई में संख्या के लिहाज से सबसे ज्यादा गर्म रातें रहीं थीं। वर्ष 1974 में मई में रात का तापमान 30.7 तक पहुंच गया था। एक बार तापमान 30.5 डिग्री सेल्सियस भी रहा।
गर्मी से चक्कर खाकर एसएसबी जवान गिरा, मौत
फर्टिलाइजर स्थित सीमा सुरक्षा बल प्रशिक्षण केंद्र में तैनात एक जवान रविवार को तेज धूप के कारण परिसर में चक्कर खाकर गिर गया। साथी जवानों ने उसे बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के जजूराली निवासी हेमंत कुमार (48) पुत्र जगन नाथ फर्टिलाइजर स्थित एसएसबी प्रशिक्षण केंद्र में तैनात थे। बताया जा रहा है कि शनिवार की शाम पांच बजे साइकिल से ग्राउंड में निकले थे। एसएसबी प्रांगण में तेज धूप में अत्यधिक गर्मी के कारण चक्कर खाकर साइकिल सहित गिर पड़े। बीआरडी मेडिकल कालेज में इलाज के दौरान देर रात उनकी मौत हो गई। शव का पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद पार्थिव शरीर पैतृक गांव जजूराली पिथौरागढ़ भेज दिया गया।
तेज गर्मी से दिल और दिमाग हो जा रहा बीमार
फिजिशियन डॉक्टर पीके श्रीवास्तव ने बताया कि तेजी से बढ़ते तापमान का असर दिल व दिमाग पर पड़ता है। ज्यादा गर्मी में हार्ट रेट वेरिबिएलिटी घट जाती है। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। सर्वाधिक खतरा अस्थमा, डायबिटीज, हाई बीपी और हार्ट के मरीजों को रहता है। तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा का उतार-चढ़ाव शरीर पर खासा असर डालता है।
कमजोर इम्यून सिस्टम वाले हो सकते हैं अस्वस्थ
गोरखनाथ अस्पताल के फिजिशियन डॉक्टर संजीव गुप्ता ने बताया कि जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर है उन पर ऐसे मौसम का बुरा प्रभाव पड़ता है। खासकर बुजुर्ग, बच्चे और बीमार लोगों को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। रात में ज्यादा गर्मी होने से नींद पूरी नहीं होती। जिससे वे संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।