Up Police Exam Paper Leak Case: योगी सरकार ने उठाया बड़ा कदम, भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष को हटाया आपको बता दें, उत्तर प्रदेश पुलिस(UPP) भर्ती पेपर लीक(Paper Leak) मामले में भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष को पद से हटा दिया गया है, अब 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी(IPS officer) को भर्ती बोर्ड की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है।
Up Police Exam Paper Leak Case: यूपी पुलिस भर्ती(UPP) परीक्षा लीक(Paper Leak) मामले में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड(UP Police Recruitment Board) की अध्यक्ष को हटा दिया गया है। भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा(Renuka Mishra) को हटा दिया गया है। उनकी जगह अब राजवी कृष्ण को भर्ती बोर्ड की जिम्मेदारी मिली है।
पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटाकर सरकार ने प्रतीक्षा में डाल दिया है। 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को अब भर्ती बोर्ड की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल गई है। उत्तर प्रदेश में 60,000 से अधिक कांस्टेबल भर्ती पदों के लिए 48 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने भाग लिया था। पेपर लीक होने के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी।
Uttar Pradesh Police Recruitment paper leak case | Recruitment Board Chairperson Renuka Mishra has been removed from the post and Rajeev Krishna has been given the responsibility of the Recruitment Board.
More than 48 lakh candidates had participated in more than 60,000…
— ANI (@ANI) March 5, 2024
यूपी एसटीएफ ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
यूपी के सभी 75 जिलों में सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा 17 व 18 फरवरी को आयोजित की गई थी। इस परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। बाद में यूपी सरकार ने परीक्षा को रद्द कर दिया था। साथ ही छह माह में इसे फिर से कराने के निर्देश जारी किए गए थे।
मामले में कार्रवाई करते हुए यूपी एसटीएफ ने बीती दो मार्च को दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ को इनके पास से प्रवेश पत्र व अन्य अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। मामले में विभूतिखण्ड थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। गिरफ्तार किए गए अरोपियों में प्रयागराज का अजय सिंह और सोनू सिंह यादव शामिल हैं।
सिपाही भर्ती परीक्षा में प्रदेश के करीब 50 लाख युवाओं ने भाग लिया था। परीक्षा का आयोजन दो पालियों में किया गया था। पेपर लीक के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया था और छह महीने के अंदर दोबारा परीक्षा कराने का एलान किया गया था। वहीं एक मार्च को एसटीएफ ने लोनी के पुश्ता पुलिस चौकी के पास से एक और आरोपी कपिल तोमर निवासी ग्राम बेगमाबाद गढ़ी बागपत को गिरफ्तार किया था।
पेपर लीक मामले में एफआईआर
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती के लिए 18 फरवरी को आयोजित परीक्षा के दौरान कृष्णानगर स्थित एक स्कूल में परीक्षार्थी सत्य अमन कुमार के पास मिली सवालों के जवाब की पर्ची से पेपर लीक होने की आशंका जताई थी। एफआईआर दर्ज कराने वाले इंस्पेक्टर ने भी तहरीर में सुनियोजित तरीके से पेपर लीक होने की बात लिखी। वहीं, परीक्षार्थी को सवालों के जवाब व्हाट्सएप पर भेजने वाले आरोपी नीरज को अब तक पुलिस नहीं पकड़ा है। आरोपी नीरज को प्रश्नों की जानकारी कहां से मिले, यह अहम सवाल अभी तक अनसुलझा है।
परीक्षा केंद्र के बाहर फोन पर मिला था सॉल्व पेपर
पूछताछ में पता चला था कि सॉल्व पेपर उसे परीक्षा केंद्र के बाहर फोन पर मिला था। पुलिस रवि को मुकदमा दर्ज करने के बाद जेल भेज चुकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सॉल्व कॉपी का राज खोलने के लिए अब अभ्यर्थी के मोबाइल से डिलीट किए गए डाटा की रिकवरी की जा रही है। अभी भी पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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