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भीषण गर्मी के बीच बिजली की भयंकर कटौती से हाहाकार, रोस्टर के अनुसार भी आपूर्ति नहीं

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यूपी में भीषण गर्मी के बीच बिजली की भयंकर कटौती से हाहाकार मचा है। रोस्टर के अनुसार भी आपूर्ति नहीं हो पा रही है। रिकॉर्ड मांग के साथ कटौती होने से लोग परेशान हैं। आपूर्ति के आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं।
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यूपी में भीषण गर्मी के बीच बिजली की भयंकर कटौती से हाहाकार मचा हुआ है। राजधानी लखनऊ से लेकर वाराणसी तक बिजली की कटौती से लोग परेशान हैं। रोस्टर के अनुसार भी बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। नौ जून के बाद से प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग का आंकड़ा 31 हजार मेगावॉट के ऊपर है। रिकॉर्ड आपूर्ति के बावजूद प्रदेश के उपभोक्ता बिजली की आवाजाही से परेशान हैं। रोस्टिंग यानी कटौती लागू करनी पड़ रही है। जानकारों के मुताबिक रोज रात में औसतन डेढ़ से दो घंटे की कटौती अनिवार्य तौर पर करनी पड़ रही है। अब तो आपूर्ति के आंकड़े भी इस बात की तस्दीक कर रहे। इन आंकड़ों में लोकल फॉल्ट से बत्ती गुल होने का समय शामिल नहीं है। अगर उन आंकड़ों को भी जोड़ लिया जाए तो महानगरों तक में औसतन तीन से चार घंटे की बिजली गुल रह रही है।

गर्मी और उमस भरे इस मौसम में बिजली आपूर्ति के तमाम जतन नाकाफी हो रहे हैं। बिजली की कमी की वजह से कटौती करनी पड़ रही है। ऊपर से लोकल फॉल्ट और ब्रेकडाउन उपभोक्ताओं का जीवन बेहाल कर रहा है। बुधवार रात लखनऊ में ही एक घंटा 38 मिनट की कटौती करनी पड़ी थी। गुरुवार रात को दो घंटे से ज्यादा की कटौती हुई। लो वोल्टेज की समस्याओं से भी उपभोक्ता जूझ रहे हैं।

गर्म हो रहे ट्रांसफॉर्मर, लेना पड़ रहा शटडाउन
जानकारों के मुताबिक तपते मौसम और बिजली की अधिक मांग की वजह से ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड होकर गर्म हो जा रहे हैं। उन्हें ठंडा रखने के सभी उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। यही वजह है कि उपकेंद्रों से थोड़े-थोड़े अंतराल पर बत्ती बंद कर दी जा रही है। बिजली अधिकारी इसकी वजह लोकल फॉल्ट बता रहे हैं।

गर्मियों की शुरुआत में ही ऊर्जा मंत्री ने सभी अधिकारियों को आदेश दिए थे कि वे ट्रांसफॉर्मरों की मरम्मत करवा लें और सुनिश्चित करें कि ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड न हों। हालांकि, इसका ज्यादा असर नहीं दिख रहा है। इस साल अप्रैल और मई में 100 केवीए के ऊपर के 2613 ट्रांसफॉर्मर फुंके। जून में हर दिन औसतन 500 से ज्यादा ट्रांसफॉर्मर फुंक रहे हैं। वहीं, 100 केवीए से कम क्षमता के ट्रांसफॉर्मरों की क्षतिग्रस्तता औसतन 700 हर दिन बनी हुई है। हालांकि, ट्रांसफॉर्मरों की क्षतिग्रस्तता में बीते वर्षों की तुलना में कमी दर्ज की गई है।

बिजली की अधिकतम मांग के आंकड़े

8 जून – 30,161 मेगावॉट

9 जून – 31,104 मेगावॉट

10 जून – 31,245 मेगावॉट

11 जून – 31,486 मेगावॉट

12 जून – 31,415 मेगावॉट

रोस्टर से कम आपूर्ति

11 जून

क्षेत्र रोस्टर आपूर्ति

ग्रामीण 18 घंटे 17:26 घंटे

नगर पंचायत 21:30 घंटे 21 घंटे

तहसील 21:30 घंटे 21:15 घंटे

बुंदेलखंड 20 घंटे 19:30 घंटे

12 जून

ग्रामीण 18 घंटे 17:31 घंटे

नगर पंचायत 21:30 घंटे 20:45 घंटे

तहसील 21:30 घंटे 21 घंटे

बुंदेलखंड 20 घंटे 19 घंटे

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