Home इलाहाबाद सबसे विराट और भव्य होगा 2025 का प्रयागराज महाकुंभ आयोजन, संतों के...

सबसे विराट और भव्य होगा 2025 का प्रयागराज महाकुंभ आयोजन, संतों के बीच बोले सीएम योगी

0
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रयागराज का वर्ष 2025 का महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा आयोजन है। यह महाकुंभ पिछले सभी कुंभों से ज्यादा विराट और भव्य होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लोगों ने फिर से डबल इंजन की सरकार चुनकर भगवान श्रीकृष्ण के उद्घोष ‘परित्राणाय साधुनाम, विनाशाय च दुष्कृताम’ को सिद्ध करके दिखा दिया है। सज्जन शक्ति का संरक्षण और दुर्जन शक्ति को रसातल में पहुंचाना ही परम कर्तव्य है। अभ्युदय का पालन किये बिना नि:श्रेयस की प्राप्ति संभव नहीं है।

मुख्यमंत्री ने सोमवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र के पेहोवा स्थित डेरा सिद्ध बाबा गरीबनाथ मठ में आयोजित आठमान, बत्तीस धुनी व शंखाढाल भंडारा कार्यक्रम में देशभर से आए संतों और भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म के दो हेतु हैं, पहला है अभ्युदय का और दूसरा नि:श्रेयस का। अभ्युदय का अर्थ सांसारिक उत्कर्ष है, जिसमें हम अपने सामर्थ्य के अनुसार अपनी ऊर्जा को लोककल्याण के साथ जोड़ते हैं। इसके लिए हमें सही फैसला लेना होगा। हरियाणा के लोगों ने अच्छा फैसला किया है। दूसरा हेतु है नि:श्रेयस का। एक योगी या सद्गृहस्थ अपने अभ्युदय को विस्मृत करके कभी नि:श्रेयस की प्राप्ति नहीं कर सकता। जब सांसारिक उत्कर्ष के लिए निष्काम भाव से काम करेंगे तो परिणाम हमें इसी रूप में देखने को मिलेगा।

‘चमन’ लेकर आए महंत शेरनाथ महाराज

उन्होंने अपना संस्मरण सुनाते हुए जूनागढ़ में गुरुगोरखनाथ आश्रम के पूज्य गुरु श्रीत्रिलोकनाथ बाबू के भजन का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘संत हैं सुहागी, रहते सदा मगन, जाते हैं जिस लोक में करते सदा चमन’। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पेहोवा के इस स्थल से अवतारी योगी सत्यनाथ की परंपरा को पूरे देश में विस्तार मिला। मगर पिछली चार पीढ़ियों से यहां की स्थिति ठीक नहीं थी। मगर ये प्रसन्नता का विषय है कि महंत शेरनाथ ने न केवल पेहोवा, बल्कि मुजफ्फरनगर और शामली के उजड़े हुए पवित्र स्थानों में ‘चमन’ लाकर और सिद्धों की भावनाओं को मूर्तरूप देकर भक्तों के मन में नया विश्वास जागृत किया है।

धर्म का मतलब पलायन नहीं होता

उन्होंने कहा कि ये आयोजन मां सरस्वती के तट पर हो रहा है। सरस्वती नदी को पुनर्जीवन देने का काम हरियाणा की सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कर रही है। अब संतों और आम जन की भी जिम्मेदारी है कि सभी इसके लिए सामूहिक प्रयास करें। उन्होंने कहा कि धर्म का मतलब पलायन नहीं होता। किसी योगेश्वर ने पलायन का नाम धर्म नहीं कहा। केरल में जन्म लेने वाले संन्यासी आदि शंकराचार्य ने देश के चार कोनों में जनजागरण और शास्त्रार्थ के माध्यम से चार पीठों की स्थापना का कार्य किया। आज देश उसी रूप में हम सबके सामने हमें देखने को मिल रहा है।

उज्ज्वल भविष्य की कामना

योगी आदित्यनाथ ने काशी विश्वनाथ धाम का उल्लेख करते हुए बताया कि पहले वहां 10 श्रद्धालु भी एक साथ इकट्ठा नहीं हो सकते थे, मगर आज 50 हजार श्रद्धालु एक साथ जुट सकते हैं। इसी प्रकार अयोध्या में 500 साल बाद अपने भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम विराजमान हो चुके हैं। ऐसे ही 2025 का महाकुंभ भी पहले के सभी कुंभ से विराट और भव्य होगा। दुनिया के इस सबसे बड़े समागम में सनातन धर्म के पूज्य संतों की उपस्थिति होगी। सभी लोकों से जुड़े हुए देवी-देवता, पितृगण और पवित्र आत्माएं भी आएंगी। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, वरिष्ठ योगेश्वर श्रीमहंत शेरनाथ महाराज आदि उपस्थित रहे।

Read Also:

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version