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अब्दुल्ला आजम को झटका, दो आपराधिक मामलों को रद्द करने की याचिका खारिज

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान से जुड़े दो मामलों को रद्द करने के लिए दायर याचिका बुधवार को खारिज कर दी। अब्दुल्ला ने पासपोर्ट हासिल करने के लिए कथित रूप से गलत जानकारी देने और दो पैन कार्ड रखने से जुड़े मामलों के संबंध में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर कर हाईकोर्ट से रामपुर की सांसद/विधायक अदालत में चल रहे मुकदमों की संपूर्ण कार्यवाही रद्द करने का अनुरोध किया था।

न्यायमूर्ति समीर जैन ने इस मामले में एक जुलाई 2025 को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था जिसे बुधवार को सुनाया गया। पहले मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक आकाश सक्सेना ने 30 जुलाई 2019 को अब्दुल्ला के खिलाफ रामपुर के सिविल लाइंस थाने में पासपोर्ट अधिनियम के उल्लंघन और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। इस मामले में आरोप है कि अब्दुल्ला ने गलत जन्म तिथि का उपयोग कर पासपोर्ट हासिल किया।

आरोप है कि अब्दुल्ला द्वारा पासपोर्ट अधिकारियों को उपलब्ध कराए गए शैक्षणिक प्रमाण पत्र और सूचना भिन्न हैं। अब्दुल्ला को 10 जनवरी 2018 को पासपोर्ट जारी किया गया था। पासपोर्ट में अब्दुल्ला की जन्म तिथि 30 सितंबर 1990 है, जबकि उनके शैक्षणिक प्रमाण पत्र में यह एक जनवरी 1993 है। दो पैन कार्ड मामले में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने छह दिसंबर 2019 को रामपुर के सिविल लाइंस थाने में अब्दुल्ला और सपा नेता आजम खान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

इस मामले में अब्दुल्ला के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 120बी (आपराधिक षड़यंत्र), 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 467 (मूल्यवान प्रतिभूति की जालसाजी) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

आकाश सक्सेना का आरोप है कि अब्दुल्ला ने 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने चुनावी हलफनामे में गलत पैन नंबर डाला तथा आजम खान ने अपने बेटे के लिए दो पैन कार्ड बनवाए थे ताकि वह चुनाव लड़ सके। अब्दुल्ला ने निर्वाचन आयोग को सौंपे इस हलफनामे में यह तथ्य छिपाया। उन्होंने हलफनामे में एक पैन नंबर दिखाया जबकि अपने आयकर रिटर्न दस्तावेजों में दूसरे पैन नंबर का उपयोग किया।

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