Chandrayaan-3 mission: इसरो के प्रोग्राम मैनेजर अभिषेक सिंह की प्रारंभिक शिक्षा रुद्रपुर में अपने ननिहाल में हुई। सतासी इंटर काॅलेज से 10वीं और जनता इंटर कॉलेज से 12 वहीं पास करने के बाद उन्होंने आईआईटी बीएचयू से स्वर्ण पदक के साथ एमएससी गणित और आईआईटी रूड़की से एमसीए की पढ़ाई पूरी की।
मिशन चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचाने में बनकटा के अभिषेक के योगदान पर पूरा जिला गौरवान्वित है। वहीं आज शाम को चंद्रयान की साफ्ट लैंडिग होने वाली है। ऐसे में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के इस महत्वाकांक्षी मिशन में सेटेलाइट की गति को नियंत्रित करने, सुरक्षित लैंडिंग कराने एवं चंद्रमा की कक्षा में पहुंचाने वाले देवरिया के इस सितारे की सब ओर चर्चा हो रही है।
सीआरपीएफ में कांस्टेबल पद से रिटायर हो चुके विकास खंड बनकटा के जंजीरहा गांव के रहने वाले कमलेश सिंह फिलहाल परिवार सहित कानपुर में रहते हैं। उनके बेटे अभिषेक सिंह इसरो के चंद्रयान-3 मिशन में प्रोग्राम मैनेजर हैं। चांद पर चंद्रयान -3 के पहुंचने की खबर के साथ जब यह पता चला कि इस उपलब्धि में जिले के अभिषेक का भी योगदान है तो लोगों का सीना फख्र से चौड़ा हो गया। अभिषेक इससे पहले भी इसरो के कई अन्य मिशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
ननिहाल में रहकर की पढ़ाई
इसरो के प्रोग्राम मैनेजर अभिषेक सिंह की प्रारंभिक शिक्षा रुद्रपुर में अपने ननिहाल में हुई। सतासी इंटर काॅलेज से 10वीं और जनता इंटर कॉलेज से 12 वहीं पास करने के बाद उन्होंने आईआईटी बीएचयू से स्वर्ण पदक के साथ एमएससी गणित और आईआईटी रूड़की से एमसीए की पढ़ाई पूरी की।
वैश्विक पटल पर बज रहा भारतीय प्रतिभा का डंका
चंद्रयान-3 मिशन के प्रोग्राम मैनेजर अभिषेक सिंह ने फोन पर बताया कि आज वैश्विक पटल पर भारतीय युवाओं की प्रतिभा का डंका बज रहा है। चंद्रयान-3 अपने मिशन में कामयाब होकर रहेगा।
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