मुरादाबाद के साढ़े तीन सौ किसान मुआवजे के लिए परेशान हो रहे हैं। मुआवजे की रकम खजाने में होने के बाद उन्हें रकम नहीं मिल रही। वजह जिस भूमि राशि के माध्यम से भुगतान होना है।
मुरादाबाद के साढ़े तीन सौ किसान मुआवजे के लिए परेशान हो रहे हैं। मुआवजे की रकम खजाने में होने के बाद उन्हें रकम नहीं मिल रही। वजह जिस भूमि राशि के माध्यम से भुगतान होना है वह पोर्टल पूरी तरह सपोर्ट नहीं कर रहा। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने एनएचएआई को इस सिलसिले में एक पत्र भेजा है।
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दिल्ली रोड से कांठ रोड क्रास कर रामपुर रोड तक जाने वाले इस रिंग रोड का निर्माण भी इसी वजह से विलंबित होगा। इस बहुप्रतीक्षित रोड के लिए चार सौ करोड़ से ज्यादा मुआवजा तय किया जा चुका है। बजट भी आ चुका है। करीब इक्कतीस गांवों की जमीन इसमें अधिग्रहीत की गई।
शुरू में मैनुअल सौ करोड़ रुपए का मुआवजा करीब 324 किसानों को वितरित कर दिया गया। इसके बाद शर्त आ गई कि किसानों का भुगतान सिर्फ भूमि राशि पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। मई से यह व्यवस्था लागू हुई तो किसानों के आवेदन पोर्टल के माध्यम से शुरू किए गए पर सत्यापन देर से होने पर जून गुजरने को है किसानों का भुगतान नहीं हो पा रहा है।
तकरीबन साढ़े तीन सौ किसानों की मुआवजे की रकम इसमें फंस गई है। जब आरटीजीएस से सीधे रकम भेजी गई तो दो से तीन दिन में प्रक्रिया पूरी हो रही थी अब किसान चक्कर लगा रहे हैं। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने इस मामले में एनएचएआई के परियोजना निदेशक को पत्र लिख कर समस्या से अवगत करवाया है। उन्होंने किसानों की पीड़ा का जिक्र करते हुए इस व्यवस्था को आसान बनाने को लिखा है।
अट्ठारह मई से 5 जून तक 88 किसानों का विवरण अपलोड, 54 का सत्यापन
अट्ठारह मई से लेकर पांच जून तक कुल 88 किसानों का विवरण भूमि राशि पोर्टल पर अपलोड किया गया। इसमें मात्र 54 का सत्यापन हो सका। अभी 34 किसानों का सत्यापन शेष है। कुल 28 किसानों के खाते में भुगतान करने की प्रक्रिया की गई है।
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