UP Weather Update: यूपी में एक बार फिर मौसम बदलने वाला है। आमतौर पर अप्रैल में पश्चिमी विक्षोभ अपवाद स्वरूप ही आते हैं। पर 2024 में अब तक आधा दर्जन विक्षोभ आ चुके हैं। यह विक्षोभ बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से मिल रही नमी को लेकर प्रभावी हो रहे हैं। इस बीच मौसम विज्ञानियों ने आंधी, बारिश के साथ ओले गिरने की आशंका जताई है। हालांकि गुरुवार को प्रदेश में मौसम साफ रहने वाला है। लखनऊ के मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 19 अप्रैल (शुक्रवार) को आंधी और बारिश के आसार हैं। मौसम में इस बदलाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर देखने को मिल सकता है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण बादल छा रहे हैं।
पश्चिमी विक्षोभों ने इस मौसम में रिकॉर्ड बना दिया है। फरवरी से अप्रैल (अब तक) तक इनकी संख्या सामान्य से दोगुना हो गई है। तीन दशक बाद ऐसा ट्रेंड सामने आया है। कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) में हुए अध्ययन के अनुसार फरवरी से अप्रैल तक लगातार पश्चिमी विक्षोभ आ रहे हैं। आमतौर पर दिसंबर और जनवरी में इसके कारण सर्दी बढ़ती है लेकिन इस बार यह देरी से आने शुरू हुए। इनकी संख्या भी लगातार बढ़ने लगी। फरवरी से लेकर अप्रैल तक 40 से ज्यादा हल्के व प्रभावी विक्षोभ आ चुके हैं। इस कारण तापमान उस तेजी से नहीं बढ़ पाए जिसकी अपेक्षा थी। सीएसए के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि अब तक जो अध्ययन किया गया है उसमें अप्रैल माह में ऐसे विक्षोभ पहली बार आ रहे हैं। 20 को फिर संभावित हैं।
52 किमी प्रति घंटे की गति से चली गर्म हवा
वाराणसी में सूरज की तपिश और गर्म हवा से लोग बेहाल हैं। बुधवार को दिन में 52 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गर्म हवा चल रही थी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी दो दिनों तक ऐसे ही हालात रहेंगे। हालांकि इसके बाद बारिश संभव है जिससे थोड़ी राहत की उम्मीद है।
बुधवार को तेज धूप निकली थी। दिन में तेज गर्म हवा झुलसा रही थी। सड़क पर चल रहे लोगों को लू का अहसास हो रहा था। गर्मी से बचने के लिए लोग गमछा, टोपी, दुपट्टा आदि का सहारा लेकर सिर ढंके रहे। बहुतेरे लोगों ने छाते का भी उपयोग किया। दिन का तापमान सामान्य से 0.5 डिग्री ज्यादा 40.1 और रात का सामान्य से 2.1 डिग्री ज्यादा 24.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि अभी दो दिन तक लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है। हालांकि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। ऐसे में 20 अप्रैल को बारिश के आसार दिख रहे हैं।
ओवरलोडिंग से गर्म हो रहे ट्रांसफॉर्मर
मौसम ने आंखें तरेरी तो वाराणसी में बिजली ट्रांसफार्मरों की सांसें फूलने लगीं। ओवरलोडिंग के चलते 60 से 70 डिग्री तक वे गर्म हो जा रहे हैं। उन्हें फुंकने से बचाने के लिए घंटों बिजली कटौती की जा रही है। पिछले तीन दिनों से ट्रिपिंग भी काफी बढ़ गई है। हर आधे घंटे पर फीडर ट्रिप कर जा रहा रहा है। इससे परेशान उपभोक्ताओं को पानी की समस्या से भी दो-चार होना पड़ रहा है। वैसे तो शहर में स्थापित 43 उपकेंद्रों से ट्रिपिंग हो रही है। लेकिन, चौकाघाट, गोदौलिया, विद्यापीठ, लोहता, मैदागिन, शक्तिपीठ, गोइठहां उपकेंद्र में यह समस्या अधिक है। पिछले वर्ष गर्मी में भी यही स्थिति रही। इस वर्ष कई उपकेंद्रों के ओवरलोडेड फीडर पर कार्य किया गया। नए फीडर बनाए गए। फिर भी स्थिति तस की तस रही। बुधवार को भी शहरवासी बिजली कटौती से जूझते रहे।
सलाह: बुजुर्गों को बाहर न निकलने दें
जिला अस्पताल के फिजिशयन डॉ. मनीष यादव ने बताया कि गर्म हवा जब चले तो बुजुर्गों को बाहर निकलने से बचना चाहिए। कहा, बुजुर्गों को बेहोशी, मांसपेशियों में जकड़न, सिरदर्द, कमजोरी, चक्कर आना व दिल की धड़कन तेज होने जैसी समस्या हो सकती है। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने कहा कि हीट स्ट्रोक, हीट क्रैम्प, हीट वेव से होने वाली समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए अधीक्षक को अलर्ट किया गया है।
हीट स्ट्रोक के पीड़ित मतदाताओं के लिए बनाए जाएंगे कोल्ड रूम
वही आगरा में हीट स्ट्रोक की स्थिति में पीड़ितों के लिए कोल्ड रूम बनाए जा रहे हैं। पीड़ितों का यहीं इलाज किया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव के दौरान भीषण गर्मी होगी। लोग खुले में वोट देने निकलेंगे। अफसर, पुलिसकर्मी, सुरक्षाकर्मी भी ड्यूटी पर मुस्तैद रहेंगे। इनकी सेहत की रखवाली जरूरी है। इसीलिए स्वास्थ्य विभाग तैयारियां कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग गर्मी और चुनाव दोनों को ध्यान में रखकर इंतजाम कर रहा है।
चुनाव में सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ पैरा मेडिकल टीम तैनात की जाएंगी। टीमें मजिस्ट्रेट के साथ मोबाइल रहेंगी। साथ में हर संवेदनशील स्थान या आयोग के मुताबिक जरूरी स्थानों पर रेपिड रेस्पोंस टीमें (आरआरटी) लगाई जाएंगी। गांवों में आशाएं ओआरएस घोल की उपलब्धता के साथ तैनात रहेंगीं। इसके अलावा हर अस्पताल में सामान्य और रेक्टल थर्मामीटर की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी में एसी या कूलर की उपलब्धता चेक की जाएगी। अस्पतालों में कोल्ड रूम भी बनाए जा रहे हैं। हीट स्ट्रोक पड़ने की स्थिति में चुनाव कर्मचारी या आम आदमी को इन्हीं कोल्ड रूम में लाकर इलाज किया जाएगा।