पहाड़ों व मैदानी क्षेत्र में हो रही मुसलाधार बारिश के कारण मालन नदी के रपटे के ऊपर से दूसरे दिन भी पानी बहने के कारण रावली-मंडावर मार्ग बाधित रहा। स्कूली बच्चे घर से तैयार होकर स्कूल जाने के लिये रपटे पर पहुचे तो पानी बहता देखकर स्कूल न जाकर घर को लौट गये। इस रपटे से कई बार राहगीरों को स्थानीय ग्रामीण बहने से बचा चुके है।
रावली में मालन नदी के रपटे के ऊपर से शुक्रवार को बह रहा पानी शनिवार को भी जारी रहा है।जिस कारण रावली मंडावर मार्ग बाधित रहा। स्कूल जाने को घर से तैयार होकर रपटे पर पहुंचे बच्चे पानी का बहाव देखकर मायूस मन से घर वापिस लौट गये।जबकि 35 दिन से भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले रपटे के समीप धरना चल रहा है।
धरनारत खादर के किसान रावली में पक्के पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं।लेकिन आज तक धरनारत किसानों को कोई ठोस आश्वासन प्रशासन की और से नही मिला है। धरनारत क्षेत्रीय अध्यक्ष भाकियू लवकेश ने बताया कि रपटे के ऊपर पानी आ जाने के कारण कई बार राहगीर व वाहन चालक जानजोखिम में डालकर रपटा पार करने की कोशिश करते है।
जिन्हे लगभग सात बार बहने से धरनारत किसानों व स्थानीय लोगों ने बामुशिकल बचाया। प्रशासन धरनारत किसानों की सुध तो ले ही नहीं बल्कि बड़ी दुघर्टना का इंतजार करता साफ नजर आ रहा है।
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