UP Latest News : मनरेगा के तहत प्रदेश में ग्राम रोजगार सहायक, तकनीकी सहायक, कम्प्यूटर ऑपरेटर, तकनीकी सहायक और सहायक कार्यक्रम अधिकारी संविदा पर कार्यरत हैं। इनके मानदेय से हर महीने 12 फीसदी ईपीएफ की कटौती होती है। जबकि 13 प्रतिशत ईपीएफ राज्य सरकार की ओर से जमा कराया जाता है।
मनरेगा के तहत प्रदेश में ग्राम रोजगार सहायक, तकनीकी सहायक, कम्प्यूटर ऑपरेटर, तकनीकी सहायक और सहायक कार्यक्रम अधिकारी संविदा पर कार्यरत हैं। इनके मानदेय से हर महीने 12 फीसदी ईपीएफ की कटौती होती है। जबकि 13 प्रतिशत ईपीएफ राज्य सरकार की ओर से जमा कराया जाता है। उदाहरण के लिए ग्राम रोजगार सहायकों का कुल मानदेय 10,000 रुपये महीने निर्धारित हैं।
इसमें से 13 फीसदी ईपीएफ सरकार के हिस्से का काटा जाता है। उसके बाद 8700 रुपये में से 12 फीसदी ईपीएफ कर्मचारी के हिस्से की कटौती की जाती है। उसके बाद 7788 रुपये महीने मानदेय का भुगतान किया जाता है।
इसी प्रकार सभी संवर्ग के संविदा कर्मियों के मानदेय से हर महीने 11 करोड़ रुपये से अधिक ईपीएफ की राशि की कटौती जाती है लेकिन उनके ईपीएफ खाते में जमा नहीं कराई जा रही है। ईपीएफ की राशि सरकारी खजाने में ही जमा हो रही है। ईपीएफओ की ओर से संविदा कर्मियों के मानदेय से ईपीएफ की कटौती के बाद भी राशि खाते में जमा नहीं कराने पर ग्राम्य विकास विभाग को नोटिस जारी किया है। ईपीएफओ ने मुख्यालय के साथ साथ अधिकांश जिलों में उपायुक्त मनरेगा को भी नोटिस जारी कर संविदा कर्मियों की ईपीएफ राशि खाते में जमा कराने के निर्देश दिए हैं।
लाखों रुपये ब्याज का नुकसान
ईपीएफ पर प्रतिवर्ष 8.15 प्रतिशत ब्याज दिया जाता है। संविदा कर्मियों के मानदेय से बीते तीन साल से ईपीएफ की कटौती के बाद भी राशि ईपीएफओ के खाते में जमा नहीं कराई जा रही है। इससे कर्मचारियों को लाखों रुपये ब्याज का भी नुकसान हुआ है। संविदा कर्मियों को हुए ब्याज के नुकसान की भरपाई कौन करेगा यह अभी तय नहीं हैं।
इनका कहना है
ईपीएफओ के नोटिस का जवाब दिया जा रहा है। ब्याज के नुकसान पर विधिक प्रक्रिया अपनाई जाएगी। हमारा प्रयास है कि ईपीएफ की राशि जल्द ही सभी जिलों में ईपीएफओ के खाते में जमा हो जाए।
हरीश चंद्र, उपायुक्त मनरेगा मुख्यालय
सरकार जांच कराए
संविदा कर्मियों के मानदेय से ईपीएफ की कटौती करने के बाद ईपीएफ खाते में जमा न कराना घोटाले के समान है। बीते दो-तीन वर्ष में जिन संविदा कर्मियों की मृत्यु हुई है उनके आश्रितों को ईपीएफ की राशि नहीं मिली। इसकी जांच होनी चाहिए।