राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत सोमवार को गाजीपुर पहुंचे और परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद पर लिखी पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि अपने मतभेदों के बावजूद भारत ने हजारों वर्षों से एक राष्ट्र के रूप में काम किया है। जब भी देश को पाकिस्तान या चीन से हमलों का सामना करना पड़ा, यह एकता स्पष्ट रूप से दिखाई दी है। हमीद की जयंती के मौके पर उनके ही गांव धामपुर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। अब्दुल हमीद को 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनकी बहादुरी के लिए सर्वोच्च सेना सम्मान परमवीर चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था।
मोहन भागवत ने कहा कि बाहर से चाहे जो भी लगे, ”देश के प्रति प्रेम और भक्ति हर जगह व्याप्त है।” उन्होंने कहा कि सभी मतभेदों के बावजूद भारत हजारों वर्षों से एक देश के रूप में कार्य कर रहा है और हम एक देश और एक समाज हैं। विविधता में यह एकता चीन के हमले और पाकिस्तान के आक्रमण के समय दिखाई दी थी।
उन्होंने हमीद जैसी शख्सियतों की सराहना करते हुए कहा कि मातृभूमि के प्रति प्रेम और भक्ति देश में हर जगह है। वीर सैनिक अपने प्राण देकर मातृभूमि की रक्षा करते हैं। वह अपने लिए नही अपने देश के लिए जीते हैं और देश के लिए लड़ते हैं। वीर अब्दुल हमीद का उदाहरण सबसे उत्तम है। उन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर अपने नाम को अमर कर लिया। संघ प्रमुख ने कहा कि सभी लोगों को वर्ष में एक बार जरूर अब्दुल हमीद धाम में आना चाहिए और उनके स्मतियों को स्मरण कर आचार-व्यवहार के प्रयोग में अपनाना चाहिए।
भागवत ने हमीद पर लिखी जिस पुस्तक मेरे पापा परम वीर की विमोचन किया है वह हमीद के बेटे जैनुल हसन द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित डा.रामचंद्रन श्रीनिवासन ने लिखी है।
इससे पहले भागवत ने परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद और रसूलन बीबी के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। इसके साथ ही कैप्टन मकसूद गाजीपुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित अपनी पुस्तक को संघ प्रमुख मोहन राव भागवत को सौंपा। कैप्टन मकसूद ने बताया कि इस पुस्तक में देश के सभी बलिदानी की स्टोरी को संकलित किया गया है।