Chandrayaan-3 mission : डॉ. रितु कारिधाल का जन्म 1975 में लखनऊ के मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। बचपन से उन्हें चांद-सितारों और आसमान में दिलचस्पी थी। इसरो और नासा से संबंधित समाचार पत्रों के लेख, जानकारी और तस्वीरें इकट्ठा करना उनका शौक था।
भारत के लिए आज का दिन बेहद खास है। चंद्रयान-3 शुक्रवार को चांद के दक्षिणी ध्रुव की उस सतह पर जाएगा, जिसके बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं है। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक समुदाय की इस पर निगाह है। यह अभियान हमारे लिए इसलिए और खास है, क्योंकि भारत की ‘रॉकेट वूमन’ के नाम से मशहूर लखनऊ की बेटी डॉ. रितु कारिधाल के इशारे पर चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए रवाना होगा।
इसरो ने जानकारी दी है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग की जिम्मेदारी इस बार वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक डॉ. रितु को सौंपी गई है और वह चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर हैं। अभियान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. वीरा मुथुवेल हैं। इसके पहले डॉ. रितु मंगलयान की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर और चंद्रयान-2 में मिशन डायरेक्टर रह चुकी हैं। इस बार चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं बल्कि एक प्रोपल्शन मॉड्यूल है, जो किसी संचार उपग्रह की तरह काम करेगा।
बचपन से थी चांद-सितारों में दिलचस्पी
डॉ. रितु कारिधाल का जन्म 1975 में लखनऊ के मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। बचपन से उन्हें चांद-सितारों और आसमान में दिलचस्पी थी। इसरो और नासा से संबंधित समाचार पत्रों के लेख, जानकारी और तस्वीरें इकट्ठा करना उनका शौक था। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से भौतिकी में एससी और एमएससी की पढ़ाई की। फिर एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री लेने के लिए आईआईएससी, बंगलूरू में दाखिला लिया। डॉ. करिधाल ने नवंबर 1997 से इंजीनियर के तौर पर इसरो में काम करना शुरू किया।
पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात
इस बार शहर की बेटी व हमारी सीनियर डॉ. रितु कारिधाल को चंद्रयान-3 का मिशन डायरेक्टर बनाया गया है। यह लखनऊ व पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में यूपी एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर्स क्लब के सदस्यों के बीच लांचिंग की स्क्रीनिंग करने की योजना है। -सुमित कुमार श्रीवास्तव, वैज्ञानिक अधिकारी, इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला,विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद
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