नोएडा. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) को अपना थ्री लेटर कोड मिल गया है. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को डीएक्सएन (DXN) कोड मिला है. बता दें कि इसी कोड के जरिए एयरलाइन की बुकिंग की जाती है. इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) की तरफ से यह कोड सभी एयरपोर्ट को दिए जाते हैं. DXN अब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का स्थाई पिन कोड हो गया है. एआईटीए की तरफ से कोड मिलने पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन और मुख्य परिचालन अधिकारी किरण जैन ने खुशी जताई.
बता दें कि साल 2024 के दिसंबर महीने तक नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से परिचालन शुरू हो जाएगा. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने कहा, ‘हम आज बहुत उत्साहित हैं. हमने आज इस महत्वपूर्ण परियोजना में एक और मील का पत्थर हासिल किया है. आज हमलोग यह घोषणा करने में सक्षम हैं कि IATA ने नोएडा इंटरनेशनल को तीन-अक्षर कोड DXN से सम्मानित किया है. यह तीन अक्षर वाला कोड के जरिए ही एयरलाइंस और ट्रैवल एजेंसियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की पहचान करने के लिए उपयोग करेंगी. इस कोड का उपयोग टिकट बुक करने में भी किया जाएगा. बैगेज टैग की पहचान करने में भी इस कोड का इस्तेमाल किया जाएगा. यह तीन अक्षरों वाला कोड अब टिकटों पर इस्तेमाल किया जा सकता है और यह नोएडा हवाई अड्डे के बनने और परिचालन शुरू होने का एक और संकेत है
आईएटीए कोड मिलना क्यों खास है?
हवाई यातायात के लिए आईएटीए कोड प्रत्येक एयरपोर्ट के लिए एक यूनीक कोड होता है, जिसे देशों और शहरों के बीच किसी भी अस्पष्टता में ग्लोबली एयरपोर्ट्स के लिए आईडेंटिफायर के रूप में काम करते हैं. ये कोड न केवल पैसेंजर्स के ट्रैवल डॉक्युमेंट्स पर दर्ज होते हैं, बल्कि डेली बेसिस पर विभिन्न अन्य कम्युनिकेशंस में एक महत्वपूर्ण एलीमेंट के रूप में भी काम करते हैं.
कब शुरू होगी उड़ान सेवा
नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के मुख्य परिचालन अधिकारी किरण जैन ने कहा कि अब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का कोड डीएक्सएन है. यह एयरपोर्ट को अब पूरी दुनिया में इसी कोड से जाना जाएगा. यह एक यूनीक कोड है, जिसका ये मतलब है कि जब भी आप कोई टिकट बुक करेंगे तो हमें डीएक्सएन से पहचाना जाएगा. ये कोड सिर्फ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ही यूज कर सकता है. यह अब कभी चेंज नहीं होगा. एक तरीके से यह हमारा पिन कोड होगा.’
कितने पैसंजर के लिए टर्मिनल बन रहा है
किरण जैन ने आगे बताया कि जो सरकार के साथ हमारा एग्रीमेंट है, उसी के हिसाब से काम चल रहा है. जेवर एयरपोर्ट में 12 मिलियन पैसेंजर का टर्मिनल बन रहा है. हमलोग साल 2024 के दिसंबर महीने तक इसे पूरा कर देंगे. इसके बाद टेस्टिंग और अन्य कार्य होने हैं. परिचालन शुरू होने से पहले काफी टेस्टिंग होती हैं. हमलोगों को उम्मीद है कि दिसंबर 2024 तक उड़ान भी शुरू होने लगेगी.
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी टाटा प्रोजेक्ट्स की ईपीसी कंस्ट्रक्शन को सौंपी गई है. पिछले एक साल से भी अधिक समय से काम चल रहा है. अभी पैसेंजर टर्मिनल की छत बनाने का काम चल रहा है. एटीसी टॉवर बनकर तैयार हो चुका है. रनवे का काम हो रहा है. इसके लिए 7000 वर्कर्स काम कर रहे हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की आधारशिला रखी थी. यह हवाई अड्डा दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा, जिससे यात्री देश-विदेश की यात्रा कर सकेंगे.