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क्या यूपी में आने वाली है बाढ़? लगातार बारिश से राप्ती-रोहिन-सरयू और गोर्रा का जलस्तर दे रहा संकेत

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Flood threat in Purvanchal

Flood threat in Purvanchal: नेपाल में हो रही बारिश के पानी से राप्ती, रोहिन, सरयू और गोर्रा नदी में पानी बढ़ने लगा है। इसे लेकर अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड, बाढ़ खंड दो और ड्रेनेज खंड ने प्रशासन को 28 संवेदनशील तटबंधों की सूची सौंपी है। इस पर प्रशासन ने इन तटबंधों के रख-रखाव और तटवर्ती गांवों को अलर्ट रहने को कहा है। वहीं, दूसरी तरफ सिंचाई विभाग ने भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष तैयार करते हुए अवर अभियंताओं की ड्यूटी लगा दी है।

सिंचाई विभाग के कई प्रोजेक्ट अधूरे जिले में बहने वाली नदियों पर बने कटान निरोधक उपाय करने के लिए बाढ़ खंड की तरफ से प्रमुख स्थानों को चिह्नित करते हुए बाढ़ खंड की तरफ से टेंडर किया गया था। इसके लिए 26 स्थनों को चिह्नित किया गया था। इन सभी कामों को 15 जून तक पूरा करा लेना था। लेकिन अभी भी कई स्थानों पर काम पूरे नहीं हो सके हैं। हालांकि, विभाग का दावा है कि सभी काम पूरे कर लिए गए हैं, लेकिन ग्रामीणों की माने तो अभी भी कई तटबंधों पर काम होने बाकी है।

संवेदनशील, अतिसंवेदनशील गांव

बाढ़ में सबसे अधिक प्रभावित गांव खजनी तहसील में है। यहां पर 233 गांव प्रभावित रहते हैं। इसके अलावा गोला में 127, चौरी-चौरा में 69, सदर में 67, बांसगांव में 38, सहजनवा में 32 कैंपियरगंज में 31 गांव संवेदनशील और अतिसंवेदनशील की श्रेणी में हैं।

सीएम पांच को करेंगे मलौनी तटबंध का निरीक्षण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच जुलाई को राप्ती नदी के मलौनी तटबंध पर हुए कार्यों का निरीक्षण कर सकते हैं। निरीक्षण को देखते हुए सिंचाई विभाग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इस तटबंध पर राप्ती नदी का कटान तेज होती है। इसलिए यहां विभाग ने कटान निरोधक जियो ट्यूब और जियो बैग लगाया है। इसके लगने से इस क्षेत्र में कटान की संभावना बेहद कम है। मलौनी तटबंध के पास राप्ती नदी का वेग तेज होने के कारण इस इलाके के लोग हर बाढ़ से प्रभावित रहते हैं। इसी तटबंध के पास तरकुलानी रेगुलेटर भी बनाया गया है। इसका लोकापर्ण मुख्यमंत्री पिछले साल जुलाई माह में कर चुके हैं। इस रेगुलेटर के बनने से 45 गांव की 40 हजार से अधिक की आबादी बाढ़ से बच रही है। साथ ही किसानों की फसल भी नहीं डूब रही है।

इसी तरकुलानी रेगुलेटर के पास मलौनी तटबंध पर 657 लाख रुपये से कटान निरोधक जियो ट्यूब और जियो बैग लगाया गया है। इससे लग जाने से तटबंध पर हो रहे कटान से राहत मिलेगी। यह तटबंध कटान 7.45 से 8.1 किलोमीटर तक लगाया है। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता विकास कुमार सिंह ने बताया कि मलौनी तटबंध पर कटान रोकने के लिए जियो ट्यूब और जियो बैग लगाए गए हैं। इसके लगने से तटबंध पर हो रहे कटान से राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम पांच जुलाई को प्रस्तावित है।

क्‍या बोले अधिकारी

सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता विपिन बिहारी ने बताया कि सिंचाई विभाग लगातार नदियों की मॉनिटरिंग कर रहा है। नेपाल में हुई बारिश के कारण राप्ती, रोहिन और गोर्रा नदी में कुछ पानी बढ़ा है। लेकिन, अभी ये नदियां खतरे के निशान से काफी नीचे हैं।

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