योगी सरकार (Yogi Government) ने यूपी आवास विकास परिषद (UP Housing Development Council) के खाली पड़े फ्लैट्स को अब 15 फीसदी के छूट के साथ बेचने का फैसला किया है. बता दें कि यूपी आवास विकास परिषद की फ्लैटों पर गाजियाबाद के साथ-साथ लखनऊ (Lucknow), कानपुर, (Kanpur), मेरठ (Meerut) सहित कई शहरों में भी छूट मिलेगी.
ऐसे में अगर आप दिल्ली से सटे इलाकों में मकान खरीदना चाहते हैं तो आपको गाजियाबाद एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. यूपी के इन शहरों में आवास विकास परिषद की कुल 8206 फ्लैट्स हैं. फ्लैट खरीदने के 60 दिनों के अंदर जो भी आवंटी पूरा पैसा चुका देगा उसे टोटल राशि में से 15 प्रतिशत एकमुश्त छूट मिल जाएगी.
संविदा पर रखे जा सकेंगे रिटायर्ड कर्मचारी
परिषद में लेखा और लिपिक संवर्ग के कई पद खाली हैं। इससे कामकाज में दिक्कत हो रही है। यह परेशानी दूर करने के लिए महकमे से रिटायर हो चुके कर्मचारियों को दोबारा संविदा पर भर्ती करने को मंजूरी दी गई। लेखा संवर्ग से रिटायर कर्मचारी को 25 हजार और लिपिक संवर्ग से रिटायर कर्मचारी को 20 हजार रुपये वेतन दिया जाएगा। संविदा पर तैनाती का अधिकार डिवीजन को दिया गया है।
कमर्शियल प्लॉट पर निर्माण न करने वालों को राहत
आवास एवं विकास परिषद कमर्शियल प्लॉटों का आवंटन के साथ पांच साल के भीतर निर्माण की शर्त रखता है। इसके बाद छठे वर्ष प्लॉट की कीमत का 5 फीसदी, सातवें वर्ष 10 फीसदी, आठवें वर्ष 15 फीसदी, नवें वर्ष 20 फीसदी और 10वें वर्ष 30 फीसदी शुल्क जमा कर निर्माण की अनुमति दी जाती है। इसके बाद भी निर्माण न होने पर आवंटन निरस्त करने का नियम था।
बोर्ड में अब 10 साल के बाद पांच साल का अतिरिक्त समय देने का फैसला किया है। इसके लिए खीदारों को पुरानी कीमत का 40 फीसदी समय वृद्धि शुल्क जमा करना होगा। अधिकारियों का तर्क है कि आवंटन निरस्त करने की प्रक्रिया जटिल है। ऐसे में पुराने खरीदार से अतिरिक्त शुल्क लेकर पांच साल का समय देने का फैसला किया गया है। इससे दोबारा नीलामी में होने वाला खर्च भी बचेगा।
ऐसे में अगर एक करोड़ रुपये की फ्लैट्स है तो इसपर 15 लाख की छूट मिलेगी. आपको वह फ्लैट 85 लाख रुपये में ही मिल जाएगा, लेकिन शर्त यह है कि पूरा पैसा 60 दिनों के अंदर जमा करना होगा. गाजियाबाद में सबसे अधिक फ्लैट्स मंडोला विहार में 4407 फ्लैट्स हैं. वहीं, जागृति विहार में 1910 फ्लैट्स रिक्त हैं. इसी तरह यूपी के अन्य शहरों में जैसे मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर में भी कई हजार फ्लैट्स नहीं बिके हैं, जिसे भी इस स्कीम के तहत बेचना है.
पूरे प्रदेश में 8000 फ्लैट खाली
आवास एवं विकास परिषद की प्रदेश भर की कई आवासीय योजनाओं में करीब 8000 फ्लैट खाली पड़े हैं। एकमुश्त भुगतान पर पांच फीसदी छूट और बिना लॉटरी सीधे आवंटन की सुविधा के बावजूद अकेले फ्लैट नहीं बिक रहे। लखनऊ में ऐसे 1818 फ्लैट खाली हैं।