महाशिवरात्रि पर पूरी काशी बम-बम कर रही है। बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए हुजूम उमड़ा हुआ है। शाम पांच बजे तक ही पिछले सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। जितने भक्तों ने शाम पांच बजे तक दर्शन कर लिया उतने श्रद्धालु मंदिर बंद होने यानी रात 11 बजे तक दर्शन करते रहे हैं। आज महाशिवरात्रि होने से मुख्य आरती रात दस बजे शुरू होकर 12.30 तक चलती रहेगी। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पांचों द्वार से श्रद्धालुओं की कतार सुबह से लगी हुई है। गर्भगृह के चारों द्वार पर लगाए गए पात्र से ही लोग दूध, जल, फल-फूल चढ़ा रहे हैं। भोर में चार बजे मंगला आरती के बाद से शुरू हुए दर्शन पूजन में शाम पांच बजे तक 7 लाख 57 हजार 541 भक्त दर्शन कर चुके थे। शाम छह बजे यह आंकड़ा 7 लाख 81 हजार को पार कर गया।
महादेव की महामाया के साथ रचाई गई गृहस्थ लीला में विवाह के अंश के साक्षी बनने देश-दुनिया से शिवभक्त काशी में जुट हैं। ऐसा लग रहा है काशी विश्वनाथ मंदिर के स्वर्ण मंडित गर्भगृह में महाशिवरात्रि को निभाए जाने वाले विवाह के लोकाचार में शामिल होने को हर भक्त उत्सुक है।
विश्वनाथ मंदिर परिसर से लेकर सड़कों तक दिखाई देने लगी
गुरुवार की शाम से ही भक्तों की कतार विश्वनाथ मंदिर परिसर से लेकर सड़कों तक दिखाई देने लगी थी। रात में भी भक्तों पर मंदिर प्रशासन की तरफ से पुष्प वर्षा भी की गई। पूरे धाम को फूलों और बिजली के लतर से सजाया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाओं में लाइव दर्शन, खोया-पाया केंद्र की स्थापना, धाम में विभिन्न स्थानों पर पेयजल, दिव्यांग एवं वृद्धजनों के लिए व्हीलचेयर और ई- रिक्शा की सुविधा दी गई है।
भोर में चार बजें मंगला आरती के बाद आम लोगों के लिए मंदिर के पट खोल दिए गए। सुबह छह बजे तक ही एक लाख 78 हजार 561 भक्त मंदिर पहुंच चुके थे। सुबह नौ बजे तक यह संख्या दोगुनी हो गई। सुबह दस बजे तक 4 लाख 53 हजार 270 और दोपहर एक बजे तक 5 लाख 98 हजार 11 लोग यहां दर्शन पूजन कर चुके थे। शाम चार बजे भक्तों की संख्या सात लाख को पार करते हुए 7 लाख 26 हजार 123 पहुंच गई। अब तक किसी भी अवसर पर इतनी बड़ी संख्या में शाम तक ही दर्शनार्थी नहीं पहुंचे थे।
एक दिन पहले से तैयारियां
महादेव और मां पार्वती के विवाह के उत्सव की इस पावन बेला को यादगार बनाने के लिए भक्त एक दिन पहले से ही तैयारियों में जुट गए हैं। मणिकर्णिका स्थित महाश्मशान नाथ मंदिर में बाबा का भव्य शृंगार किया जाएगा। तैयारी गुरुवार को ही दिखने लगी। सिल-बट्टे पर कोई भांग पीसता नजर आया तो कोई ठंडई बनाने में जुटा है। वहीं महाशिवरात्रि के दिन तड़के बाबा के जलाभिषेक के लिए भक्तों का जुटान मंदिर परिक्षेत्र में देर शाम से ही हो गया। मैदागिन से ज्ञानवापी के बीच लगाई गई बैरिकेडिंग में भक्तों ने स्थान सुरक्षित कर लिया है। कुछ ऐसा ही नजारा ललिता घाट के आसपास भी दिखा।
महादेव संग जय श्रीराम भी
एक तरफ धार्मिक पर्यटन पर आए अतिथियों के छोटे-बड़े समूह अपनी खास पहचान के साथ गंगा घाटों से शहर की सड़कों तक दिख रहे हैं। वहीं शहर के लगभग सभी रास्तों पर स्थानीय भक्तों की टोलियां मणिकर्णिका घाट की ओर कूच करती नजर आ रही थीं। ‘हर-हर बम-बम’, ‘हर-हर महादेव’ का घोष करने वाली भीड़ में बहुत से जत्थे ऐसे भी जो भगवा ध्वज लिये ‘जय श्रीराम’ का घोष करते चल रहे थे। शाम 7 बजते-बजते मणिकर्णिका घाट स्थित चक्रपुष्कर्णी तीर्थ एवं विष्णु चरण पादुका पर पंचक्रोशी यात्रा का संकल्प लेने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा।