यूपी के अमेठी में पुलिस अधीक्षक ने जिले के इन्हौना थाने में तैनात दो पुलिस उपनिरीक्षक और एक मुख्य आरक्षी को सस्पेंड कर दिया है। तीनों पर रिश्वत मांगने और कर्तव्यों में लापरवाही बरतने का आरोप है। विभाग के आला अधिकारियो ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने इन्हौना थाने में तैनात उपनिरीक्षक वीरेंद्र राय व अमर चंद शुक्ला तथा मुख्य आरक्षी जनार्दन सिंह को निलंबित कर प्रकरण की जांच मुसाफिरखाना के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) को सौंपी है।
इन्हौना थाना क्षेत्र के शेखन गांव निवासी मारूफ अहमद को मछली पालन के लिए तालाब पट्टे पर आवंटित किया गया है, जिसमें वह कुद कार्य करवा रहे थे। आरोप है कि शुक्ला, राय और सिंह ने मारूफ से पहले रिश्वत की मांग की और रिश्वत न मिलने पर उनके साथ मारपीट की और चार हजार रुपये भी छीने। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से की थी और सोशल मीडिया पर भी इसे साझा किया था। प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाये जाने पर पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
फतेहपुर में कानूनगो और लेखपाल निलंबित
फतेहपुर में रिटायर संग्रह अमीन खुदकुशी कांड में शुक्रवार को पहली कार्रवाई हुई। प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए चकबंदी कानूनगो और लेखपाल को एसडीएम ने निलंबित कर दिया। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। कई अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी है। आत्महत्या से पहले किसान के दो वीडियो सामने आने से अफसरों में हडकंप मचा है।
73 वर्षीय सेवानिवृत्त संग्रह अमीन रविकरन सिंह ने गौशाला में फांसी लगाकर जान दी
खागा कोतवाली के पाई गांव निवासी 73 वर्षीय सेवानिवृत्त संग्रह अमीन रविकरन सिंह ने गौशाला में फांसी लगाकर जान दे दी थी। डीएम सी इंदुमती ने बताया कि प्रारंभिक जांच में चकबंदी कानूनगो लालबहादुर व चकबंदी लेखपाल संदीप श्रीवास्तव दोषी पाए गए हैं। दोनों को निलंबित कर सभी बिंदुओं पर जांच कराई जा रही है। दोषी पाए जाने पर अन्य अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
इसे भी पढ़ें –