Sawan 2023 : सावन के अंतिम सोमवार पर काशी विश्वनाथ दरबार में आस्था की अटूट कतार लगी है। मंगला आरती के बाद शुरू हुआ जलाभिषेक का सिलसिला जारी है। गंगा तट से लेकर गर्भगृह तक बाबा का दरबार बोल बम के जयकारों से गूंज रहा है।
सावन के 8वें और अंतिम सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में आस्था का सैलाब दिखाई दिया। सुबह से ही लंबी कतार बाबा के दर्शन को लग गई। गंगा घाट दशाश्वमेध से लेकर गोदौलिया, चौक, मैदागिन और बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ के पट तक की सड़कें श्रद्धालुओं से पट गईं हैं। झांकी दर्शन के साथ ही गंगाधर को जलधार अर्पित करते हुए श्रद्धालु हर-हर, बम-बम का जयघोष करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। मंदिर प्रशासन से मिले आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 10 बजे तक तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए।
मंगला आरती से शुरू हुआ दर्शन-पूजन का सिलसिला अनवरत जारी है। हर सोमवार से ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ होने के कारण व्यवस्था संभालने में सुरक्षाकर्मी और सेवादारों को मशक्कत करनी पड़ रहा है। सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है। सोमवार को बाबा विश्वनाथ की भव्य मंगला आरती उतारी गई। मंगला आरती समाप्त होते ही बाबा दरबार में दर्शन पूजन आरंभ हो गया।
मंदिर के चारों प्रवेश द्वार पर लगी लंबी कतार
रविवार रात से ही श्रद्धालु बाबा का दर्शन करने के लिए कतार में लगे रहे। दर्शन के लिए तय किये गए रास्तों पर लंबी कतार लगी रही। बाबा भक्तों पर पुष्प वर्षा की गई। हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए श्रद्धालुओं का रेला बाबा के स्वर्णमंडित दरबार की ओर बढ़ा।
हर बार की तरह इस बार भी लोगों को झांकी दर्शन ही मिल रहा है। जलाभिषेक के लिए द्वारों पर पात्र लगाए गए हैं। गंगा तट से लेकर गर्भगृह तक बाबा का दरबार बोल बम के जयकारों से गूंज रहा है।
सावन के अंतिम सोमवार पर बाबा विश्वनाथ का रुद्राक्ष श्रृंगार किया जाएगा। पूरे मंदिर परिसर को रुद्राक्ष और फूलों से सजाया गया है। वहीं दूसरी तरफ केदारघाट स्थित गौरीकेदारेश्वर मंदिर, तिलभांडेश्वर महादेव, बीएचयू विश्वनाथ मंदिर समेत शहर के अन्य शिवालयों में दर्शनार्थियों की लंबी कतार लगी है। शिव भक्तों की सेवा के लिए लक्सा स्थित मारवाड़ी संघ के सामने मारवाड़ी युवक संघ, गोदौलिया पर नागरिक सुरक्षा, समाज संगठन की ओर से सेवा शिविर लगाए गए।
सानन्दमानन्दवने वसन्तं, आनन्दकन्दं हतपापवृन्दम्
सानन्दमानन्दवने वसन्तं, आनन्दकन्दं हतपापवृन्दम्। वाराणसीनाथमनाथनाथं, श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये॥ अर्थात जो भगवान शंकर आनन्दवन काशी क्षेत्र में आनंदपूर्वक निवास करते हैं, जो परमानंद के निधान और आदिकारण हैं और जो पाप समूह का नाश करने वाले हैं, मैं ऐसे अनाथों के नाथ काशीपति श्री विश्वनाथ की शरण में जाता हूं। इसी कामना के साथ श्रद्धालुओं का रेला बाबा के धाम में सावन के अंतिम सोमवार को जलाभिषेक के लिए कतारबद्ध है।