यूपी के बरेली में किसान पुष्पेंद्र की रास्ते में हमलावरों ने घेरकर हत्या कर दी। चुनावी रंजिश में करीब ढाई साल पहले हिस्ट्रीशीटर पूरनलाल गंगवार गुट ने किसान के भाई विनोद की हत्या की थी। विनोद हत्याकांड में जल्द ही फैसला आने वाला था लेकिन उससे पहले ही पुष्पेन्द्र की भी हत्या कर दी गई। भुता के गांव खरदाह निवासी किसान 50 वर्षीय पुष्पेंद्र गंगवार मंगलवार शाम करीब पांच बजे गांव से काम निपटाकर बाइक से बारादरी के हरूनगला स्थित घर लौट रहे थे। जब वह बरेली-बीसलपुर रोड पर पड़ौली गांव के नजदीक यादव फिलिंग स्टेशन के सामने पहुंचे, तभी पीछे से एक बाइक पर आए तीन हमलावरों ने उनकी पीठ में गोली मार दी।
गोली लगते ही पुष्पेन्द्र बाइक समेत गिर पड़े और बचने के लिए भागने लगे। इस पर हमलावरों ने पुष्पेंद्र पर बाइक चढ़ाकर गिरा दिया और पकड़कर सीने में भी दो-तीन गोलियां मार दीं। वारदात के बाद हमलावर वहां से भाग निकले। सूचना पर एसएसपी अनुराग आर्य, एसपी नॉर्थ मुकेश चंद्र मिश्र कई थानों के फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने पुष्पेन्द्र को बरेली के निजी अस्पताल भिजवाया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस सुपारी देकर हत्या कराने की आशंका जता रही है।
बीसलपुर रोड और पीलीभीत बाईपास पर लगाया जाम
पुष्पेन्द्र की हत्या की खबर फैलते ही परिवार के साथ बड़ी संख्या में इलाके के लोग मौके पर पहुंच गए और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए हंगामा कर बीसलपुर रोड पर जाम लगा दिया। अफसरों ने कार्रवाई का भरोसा देकर लोगों को शांत किया। वहीं, अस्पताल में पुष्पेंद्र की मौत की जानकारी होते ही लोगों ने हंगामा कर पीलीभीत बाईपास पर जाम लगा दिया। पुलिस ने उन्हें समझाकर शव जिला अस्पताल अस्पताल भिजवाया।
दो हमलावर की शिनाख्त, गिरफ्तारी को लगी टीमें
पुलिस की छानबीन में पता चला है कि पुष्पेन्द्र गंगवार के भाई विनोद गंगवार ने वर्ष 2015 में ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा था लेकिन गांव के ही हिस्ट्रीशीटर पूरन लाल गंगवार से वह हार गए। इससे पनपी रंजिश में करीब ढाई साल पहले पूरनलाल गुट ने विनोद की हत्या कर दी। इस हत्याकांड में पूरनलाल का चचेरा भाई पवन जेल में है और जल्दी ही फैसला आने वाला है। उससे पहले ही पुष्पेंद्र की हत्या कर दी गई। पुलिस ने दो हमलावरों की शिनाख्त कर ली है। उनकी तलाश में पांच टीमें दबिश दे रही हैं।
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