अयोध्या में हनुमानगढ़ी पंचायती अखाड़े ने वीआईपी दर्शन को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बैठक में निर्णय लिया गया है कि 10 जुलाई तक वीआईपी गेट से दर्शन के लिए प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। निर्णय लेने के पीछे मंदिर के निकास द्वार पर निर्माण कार्य चलना है। इस बीच श्रद्धालुओं से प्रमुख दिनों से इतर भी दर्शन करने की गुजारिश की गई है क्योंकि निकास द्वार बंद हो जाने से आवागमन एक ही मार्ग से होना है। ज्येष्ठ माह के दो मंगल बचे होने के कारण यह बात मंदिर प्रशासन द्वारा कही गई है। बैठक के दौरान क्षेत्राधिकारी अयोध्या भी मौजूद थे।
पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञान दास के उत्तराधिकारी महंत संजय दा
अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञान दास के उत्तराधिकारी महंत संजय दास ने निर्णय को सार्वजनिक करते हुए बताया कि निकास द्वार पर सीढ़ी के चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। श्रद्धालुओं का निरंतर आवागमन होने के कारण कार्य गति नही पकड़ पा रहा है। उन्होंने कहा निर्माण कार्य कर रहे इंजीनियरों की मांग पर यह निर्णय लिया गया है। प्रतिबंधित दिनों में मुख्य द्वार से ही वापसी कराई जाएगी। इसलिए अव्यवस्था न फैले वीआईपी दर्शन पर कुछ दिनों के लिए रोक लगाई गई है क्योंकि अभी तक वीआईपी को निकास से ही दर्शन कराने की सुविधा थी।
इसी रास्ते से व्हीलचेयर के माध्यम से बुजुर्ग दिव्यांग और बीमार लोगों को दर्शन करने की सुविधा दी गई थी। इस पर भी 10 जुलाई तक रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि निकास द्वार का कार्य पूरा होते ही दर्शन सुचारू रूप से शुरू हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया इस दौरान मुख्यमंत्री, राज्यपाल , चीफ जस्टिस इत्यादि को दर्शन सुलभ कराना पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी होगी। बैठक में महंत मुरली दास, महंत राजेश दास, महंत रामचरण दास, बलराम दास ,इंद्रदेव दास, महंत राम शंकर दास और हेमंत दास मौजूद थे।
निकास द्वार ही नही गर्भगृह के बाहर का हिस्सा होगा चौड़ा श्रद्धालुओं को मिलेगी सुविधा
हनुमानगढ़ी के सर्वोच्च पद गद्दीनशीन महंत प्रेमदास के शिष्य महेश दास ने बताया कि मंदिर में प्रवेश व निकास द्वारों पर दोनों तरफ एक-एक लेने वीआईपी के लिए बनाई जा रही है। निकास द्वार मार्ग को 20 फिट चौड़ा कर दो अलग-अलग रास्तों पर लोहे की सीढ़ियां बनाई जा रही है ।बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा लिफ्ट भी होगी। 10 व्यक्तियों के भार वहन की क्षमता वाले लिफ्ट को निकास द्वार के रास्ते में मुंडन संस्कार स्थल के पास लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसी के साथ गर्भगृह के बाहर तीन तरफ 15 फीट की चौड़ाई और बढ़ाई जाएगी। इस मार्ग के अन्य नरसिंह मंदिर, भरत मंदिर, कीर्तन और दुर्गा मंदिर को और अंदर की तरफ स्थापित किया जाएगा। ताकि मंदिर में श्रद्धालुओं को पर्याप्त जगह मिल सके। उन्होंने कहा कि दिन -प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए उनकी सुविधाओं को देखते हुए कुछ निर्णय लिए गए हैं।
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