लोकसभा चुनाव के बीच ब्रिटेन में कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड पर हुए नए खुलासे से भारत में भी राजनीति गरमा गई है। देश में सबसे ज्यादा कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड ही लगाई गई थी। ऐसे में अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल ने मोदी सरकार को घेरते हुए कई सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। डिंपल ने कहा कि जब राष्ट्रीय अध्यक्ष (अखिलेश यादव) ने वैक्सीन लगवाने से इनकार कर दिया था तो भाजपा के लोगों ने कई स्टोरी प्लांट कराई थी। यहां तक कहा था कि यह देश हित में नहीं है। जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उस समय भी साफ कहा था कि अभी तक कोरोना वैक्सीन को क्लीयरेंस नहीं मिली है। इसके साइड इफेक्ट के बारे में कुछ नहीं बताया गया है। उस समय जो आशंका उन्होंने जताई थी आज सच साबित हुई है।
“जबरदस्ती क्यों लगाई कोरोना वैक्सीन?”, डिंपल यादव ने पूछा BJP से तीखा सवाल
डिंपल ने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि लोगों को हार्ट अटैक आ रहे हैं। हर उम्र के लोग चलते-चलते, नाचते गाते मौत के मुंह में समा जा रहे हैं। लोग गंभीर बीमारियों से अचानक ग्रसित हो जा रहे हैं। डिंपल ने कहा कि जल्दबाजी के चक्कर में कोविशिल्ड वैक्सीन बनाने वालों से चंदा लिया गया और लोगों को जबरदस्ती वैक्सीन लगाई गई।
नौकरी करने वालों से कहा गया कि वैक्सीन लगवानी ही होगी। जो भी वैक्सीन नहीं लगवा रहा था उसे दफ्तरों में प्रतिबंधित कर दिया जा रहा था। पूरे विश्व में कहीं इस तरह से जबरदस्ती वैक्सीन नहीं लगाई गई। दूसरे देशों में अगर किसी का मन है तो लगाई गई, मन नहीं है तो नहीं लगाई गई। देश की सरकार ने जबरदस्ती लोगों को वैक्सीन लगवाई। डॉक्टरों को जबरदस्ती वैक्सीन लगवाई गई। यह एक तरह का भ्रष्टाचार है जो आज उजागर हुआ है। इस भ्रष्टाचार की वजह से लोगों की जानें जा रही हैं।
कोरोना वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट, कंपनी सीधे किया कबूलनामा
गौलतलब है कि एक दिन पहले सोमवार को ही ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में स्वीकार किया है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट भी हैं। भारत में भी कोविशील्ड नाम से इस कंपनी की कोविड वैक्सीन लगाई गई है। यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफर्ड के साथ मिलकर एस्ट्राजेनेका ने यह वैक्सीन तैयार की थी। ब्लड क्लॉटिंग समेत कई अन्य दिक्कतों को लेकर एस्ट्राजेनेका कोर्ट केसा का सामना कर रही है। कई याचिकाओं में कहा गया है कि इस वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट हुए हैं।
वैक्सीन के ट्रायल के वक्त भी कहा गया था कि इस वैक्सीन के साइडइफेक्ट देखने को मिले हैं। हालांकि कंपनी ने इस बात से इनकार किया था। बता दें कि भारत में वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ने वैक्सीन ने भी एस्ट्राजेनेका के साथ समझौता किया था। इसके बाद देश में आधे से अधिक डोज कोविशील्ड की ही लगाई गई थी।