UP Weather news in up : उत्तर प्रदेश में मानसून मेहरबान नहीं है। जून से जुलाई (अब तक) तक पूर्वी उत्तर प्रदेश बारिश को तरसता रहा है तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपेक्षाकृत अधिक बारिश हुई है। मध्य में बादलों की आंख मिचौली से हल्की बारिश होती रही है। इस सीजन मानसून पिछले वर्षों की तुलना में अधिक सक्रिय नहीं रहा है। पूरे प्रदेश में करीब आठ फीसदी कम बारिश हुई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य से करीब 15 फीसदी वर्षा कम रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 05 फीसदी अधिक बारिश हुई है। यह आंकड़े 25 जुलाई 2024 तक के हैं। छितरी बारिश के कारण भी इस बार संकट बढ़ा है।
पूर्वी के 27 जिलों में कम बारिश
पूर्वी उत्तर प्रदेश के 41 जिलों में से 27 जिले ऐसे हैं जहां बारिश कम हुई है। कानपुर नगर में आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार सामान्य से 39 फीसदी बारिश कम हुई है। अमेठी में पानी बेहद कम बरसा है। यहां सामान्य से 75 फीसदी कम बरसात दर्ज की गई है। जिन पूर्वी क्षेत्रों में आने वाले अन्य जनपदों में बारिश कम हुई है, वे हैं-आजमगढ़, बांदा, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, फतेहपुर, गाजीपुर, गोंडा, हरदोई, जौनपुर, कानपुर देहात, कुशी नगर, लखनऊ, मऊ, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, श्रावस्ती, सोनभद्र, उन्नाव, वाराणसी और सुल्तानपुर।
पूरब के इन जिलों में अच्छी वर्षा
पूरब के कुछ ही जनपद ऐसे हैं जहां सामान्य से अधिक बारिश या सामान्य बारिश दर्ज की गई है। बलरामपुर में सामान्य से 83 फीसदी अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इसी तरह बस्ती में 76 फीसदी अधिक वर्षा हुई। महाराजगंज में सामान्य से 45 फीसदी अधिक वर्षा हुई।
पश्चिमी यूपी के कई शहरों में झमाझम
पश्चिमी यूपी में औरैया में सामान्य से 120 मिमी बारिश अधिक दर्ज की गई है। इसी तरह बरेली में सामान्य से 75 फीसदी और एटा में 88 फीसदी सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है। कासगंज, आगरा, बदायूं, फिरोजाबाद, हमीरपुर, जालौन, ललितपुर, मैनपुरी, मुरादाबाद, रामपुर और संभल में भी सामान्य से अधिक बारिश हुई।
इन पश्चिमी जिलों में हुई कम बारिश
शामली में सामान्य से 83 फीसदी कम बारिश हुई। अलीगढ़, अलमोड़ा, बागपत, बिजनौर, बुलंदशहर, इटावा, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, झांसी, महोबा, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, सहारनपुर और शाहजहांपुर में भी कम बरसात हुई।
क्या बोले मौसम विज्ञानी
मौसम विज्ञानी डॉ.एसएन सुनील पांडेय ने कहा कि इस बार बारिश का ट्रेंड बदला हुआ है। पूरे प्रदेश में 25 जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार 304.1 मिमी बारिश हो जाना चाहिए थी लेकिन 279.8 मिमी ही बारिश हुई थी। मानसून अधिक सक्रिय नहीं हो पाने के कारण जुलाई की स्थिति काफी कमजोर दिख रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश को अधिक नुकसान हुआ है जहां जून तक अधिक गर्मी पड़ी।