यूपी की योगी सरकार गैर विवादित नजूल भूमि वालों को राहत दे सकती है। विधान परिषद की प्रवर समिति की संस्तुतियों का इंतजार किया जा रहा है। आवास विभाग के मुताबिक मौजूदा समय उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति अध्यादेश-2024 प्रभावी है। विधानसभा में विधेयक आने के बाद 42 दिन तक प्रभावी रहता है। यह अवधि 9 सितंबर को समाप्त हो रही है। इसके बाद अध्यादेश स्वत: निष्प्रभावी हो जाएगा। विधानपरिषद में चूंकि यह विधेयक पारित नहीं हुआ है, इसलिए प्रवर समिति की संस्तुतियों को लागू करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता है। इसलिए विधेयक में संशोधन तय है और गैर विवादित लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
यूपी में 2020 से फ्री होल्ड पर है रोक
प्रदेश में नजूल जमीनों का प्रबंधन व देखरेख लखनऊ में लखनऊ विकास प्राधिकरण और प्रदेश के अन्य शहरों में जिला प्रशासन के पास है। आवास विभाग गर्वंमेंट ग्रांट अधिनियम-1865 के आधार पर नजूल जमीनों को फ्री होल्ड करने के लिए समय-समय पर शासनादेश जारी करता रहा है, लेकिन वर्ष 2020 में इसके समाप्त होने के बाद आवास विभाग ने नजूल जमीनों को फ्री-होल्ड करने पर रोक लगा दी।
इसके बाद विभिन्न न्यायालयों में जमीनों को फ्री होल्ड करने को लेकर विवाद बढ़ता गया। आवास विभाग इसके बाद उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) अध्यादेश- 2024 लेकर आया। राज्यपाल की मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया गया।
विधयेक पास कराना होता है जरूरी
अध्यादेश फौरी जरूरतों के लिए लाया जाता है, लेकिन उसे विधानसभा में विधेयक के रूप में पास कराना जरूरी होता है। विधानसभा जिस दिन शुरू होती है, उस दिन से छह हफ्ते तक यानी 42 दिनों तक ही अध्यादेश प्रभावी रहता है।
विधेयक अगर पास नहीं होता है, तो वह स्वत: निष्प्रभावी हो जाता है। विधानसभा से पास होने के बाद विधान परिषद में यह विधेयक फंस गया है। इसे प्रवर समिति को सौंप दिया गया है।
इससे यह तय माना जा रहा है कि विधेयक में संशोधन होगा और लोगों को राहत मिलेगी। हालांकि विधेयक की धारा पांच-2 में पहले ही यह प्रावधान कर दिया गया था कि गैर विवादित प्रकृति की संपत्तियों को विशेष परिस्थितियों में विचार कर फ्री होल्ड किया जा सकता है। इसीलिए यह तय माना जा रहा है कि अब इसमें संशोधन करते हुए और राहत दी जाएगी।
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