ताजमहल के मुख्य गुंबद तक अब बोतल का पानी भी लेकर नहीं जा सकेंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने यह फैसला किया है। मुख्य गुंबद पर पानी की बोतल ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। पानी की बोतल को चमेली फर्श पर ही रखे कूड़ेदान में डालना होगा। यह नियम सोमवार दोपहर बाद से लागू कर दिया गया है। ताजमहल पर लगातार गंगाजल चढ़ाने की घटनाएं प्रकाश में आने के बाद यह फैसला किया गया है।
ताजमहल पर पर्यटकों पर एक और सख्ती हो गई है। गर्मी के मौसम में पर्यटकों को मुख्य गुंबद पर पानी की बोतल न ले जाने देने का फरमान जारी हो गया है। वह चमेली फर्श तक पानी की बोतल ले जा सकते हैं। यदि उसमें पानी बचा है तो उसको वहीं पर खत्म करना होगा। खाली बोतल को वहीं पर रखे डस्टबिन में डाल देना होगा।
उसके बाद ही पर्यटक को मुख्य गुंबद के लिए जाने दिया जाएगा। ये निर्णय पिछले दिनों दो बार पानी की बोतल में गंगाजल ले जाकर उसे मुख्य गुंबद पर चढ़ा देने की घटना के बाद लिया गया है। ताजमहल के वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी ने बताया कि सोमवार को दोपहर बाद से इस नियम को सुरक्षा कारणों से लागू कर दिया गया है।
पानी की बोतल न ले जाने देने पर प्रतिक्रियाएं भी आ गईं हैं। उत्तर प्रदेश टूरिस्ट गाइड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक दान ने इस निर्णय को गलत और पर्यटकों के हित में नहीं बताया। उनका कहना है कि इतनी गर्मी और उमस के मौसम में पर्यटकों को पानी की बोतल न ले जाने देने का फरमान गलत है। इसे वापस लिया जाना चाहिए। दान ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों को निगरानी बढ़ा देनी चाहिए, न कि इस तरह के प्रतिबंध लगा देने चाहिए।
वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी के अनुसार गर्मी और उमस के मौसम को देखते हुए पहले से ही मुख्य गुंबद पर एएसआई की ओर से पानी की बोतलें रखवाई गईं हैं। ओरआरएस घोल भी रहता है। यदि किसी को जरूरत पड़ती है तो वह वहां से ले सकता है। पानी की बोतल मुख्य गुबंद पर ले जाने के प्रतिबंध से किसी पर्यटक को कोई परेशानी नहीं होगी। सुरक्षा कारणों से जरूरी होने पर ये निर्णय लिया गया है।
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