Sunday, November 24, 2024
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UP news : शिक्षक भर्ती पर अखिलेश ने शुरू की सियासत पर टीचरों का घर और सामान भी लेना चाहती है सरकार?

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 69000 शिक्षक भर्ती की मेरिट हाईकोर्ट से निरस्त होने के बाद टीचरों से बांदा जिला सहकारी बैंक से लिए गए किसी भी प्रकार के लोन की वसूली को लेकर जारी आदेश और बाद में यूटर्न पर यूपी की योगी सरकार को घेरा है। पूछा है कि क्या अब टीचरों का घर और सामान भी सरकार कब्जे में लेना चाहती है। अखिलेश यादव ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में भाजपा राज की नाइंसाफी की एक और ‘आर्थिक-सामाजिक-मानसिक’ मार परंतु एकता की शक्ति के आगे हार।

उन्होंने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती अदालत से निरस्त होते ही बांदा डिस्ट्रिक्ट कॉपरेटिव बैंक ने शिक्षकों से बैंक से लिए गए किसी भी प्रकार के ऋण की वसूली का फ़रमान जारी किया और आगे भी किसी भी प्रकार के लोन का रास्ता बंद करने की साज़िश रची परंतु युवाओं के आक्रोश के आगे ये फरमान एक दिन भी टिक नहीं पाया और भाजपा सरकार को इसे भी रद्द करने का आदेश निकालना पड़ गया।

उन्होंने कहा कि लेकिन याद रहे उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ये काम मन से नहीं दबाव से कर रही है, इसीलिए इस आदेश को पूरी तरह रद्द नहीं बल्कि कुछ समय के लिए स्थगित मानकर इसका भरपूर विरोध जारी रखना चाहिए।

अखिलेश ने इसी पोस्ट में कहा कि भर्ती हुए जिन शिक्षकों ने अपने घर-परिवार और बाकी सामान के लिए नौकरी की निरंतरता की उम्मीद पर कुछ लोन लिया था तो क्या अब ये सरकार उनके घरों और सामानों को क़ब्ज़े में लेने की साजिश कर रही है। ये निहायत शर्मनाक कृत्य है कि भाजपा परिवारों को दुख-दर्द देकर सत्ता की धौंस दिखाना चाहती है।

उन्होंने कहा शिक्षक भर्ती में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की बदनीयत की जिस तरह फ़ज़ीहत हुई है, शायद उसका बदला वो अभ्यर्थियों से लेना चाहती थी। तभी ऐसे फ़रमान निकलवा रही है। इससे पहले से ही नौकरी खोने के डर से भयभीत शिक्षकों पर अत्यधिक मानसिक दबाव बढ़ेगा। जब इन लोन की वसूली के लिए बैंक उनके घरों पर जाएगा तो उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचेगी।

उन्होंने कहा कि जनता और परिवार वालों को दुख देकर न जाने भाजपा को क्या सुख मिलता है। अखिलेश ने अपनी इस पोस्ट के साथ बांदा जिला सहकारी बैंक का आदेश भी टैग किया है। दरअसल इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 2019 में हुई 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों की सूची नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया है। अदालत ने एक जून 2020 और पांच जनवरी 2022 की चयन सूचियां को दरकिनार कर नियमों के तहत तीन माह में नई चयन सूची बनाने के निर्देश दिये हैं। इस आदेश के बाद पिछली सूची के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की सेवा पर भी संकट खड़ा हो गया है।

न्यायमूर्ति ए. आर. मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने आरक्षण कोटे का सही से अनुपालन न किए जाने के मामले में पिछले मार्च में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया था। फैसला न्यायालय की वेबसाइट पर पिछले शुक्रवार को अपलोड किया गया था।

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Vinod Maurya
Vinod Maurya
Vinod Maurya has 2 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done B.Com in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @ upbreakingnewshindi@gmail.com
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