यूपी के हरदोई में गर्रा नदी में आए उफान ने कानपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ा दिया है। यही वजह है कि नरौरा और हरिद्वार से कम मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद भी कानपुर बैराज पर पानी का दबाव बढ़ गया है। यहां से इस सीजन का सबसे अधिक 2.63 लाख क्यूसेक पानी सोमवार को छोड़ा गया जिसका असर प्रयागराज और वाराणसी तक पड़ना तय है। तेजी से बढ़ते जलस्तर के कारण कई कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी के गांवों में बाढ़ आने का खतरा है।
पिछले कुछ दिनों से सिंचाई विभाग के इंजीनियर इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे थे कि जब नरौरा से 25 से 30 हजार क्यूसेक ही पानी छोड़ा जा रहा है कि कानपुर बैराज पर इतनी भारी मात्रा में पानी कहां से आ रहा है। पड़ताल हुई तो पता चला कि हरदोई के गुसाईगंज में गर्रा नदी का पानी गंगा में मिल रहा है। सोमवार को वहां से 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिसका असर कानपुर बैराज पर पड़ा। लिहाजा यहां सभी 30 गेट खोल दिए गए। अब कानपुर में गंगा चेतावनी बिंदु से 1.08 मीटर ही दूर रह गई हैं। शुक्लागंज का जलस्तर 111.920 मीटर पहुंच गया है। रविवार को यहां का जलस्तर 111.720 मीटर ही था।
कानपुर बैराज के अप स्ट्रीम में गंगा का जलस्तर 113.300 मीटर
कानपुर बैराज के अप स्ट्रीम में गंगा का जलस्तर 113.300 मीटर तो डाउन स्ट्रीम में 113.200 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। बैराज के गेज रीडर उत्तम पाल कहते हैं कि बैराज पर गर्रा नदी से आ रहे पानी का दबाव बढ़ा है। लिहाजा चौबीस घंटे बैराज तक आ रहे पानी की निगरानी की जा रही है।
गर्रा में बाढ़
शाहजहांपुर में बाढ़ का कारण गर्रा नदी में बढ़ता जलस्तर ही था। पिछले हफ्ते गर्रा में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर के कारण शाहजहांपुर के कई गांवों में बाढ़ आ गई थी। यहां तक की दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर भी बाढ़ का पानी आने से यातायात बंद करना पड़ा था।
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