उपचुनाव को लेकर कांग्रेस दबाव बनाने में कामयाब रही। कांग्रेस की प्रेशर पालिटिक्स के सामने सपा फूलपुर सीट भी देने के संकेत दिए हैं। सपा- कांग्रेस का गठबंधन कायम रहेगा, लेकिन चुनाव लड़ने पर अभी संशय बना हुआ है। उपचुनाव पर अंतिम फैसला बुधवार को होगा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और प्रदेश प्रभारी दिल्ली रवाना हो गए हैं।
उपचुनाव में शामिल 10 सीटों में कांग्रेस ने पांच सीटें पर चुनाव लड़ने का दावा किया था, लेकिन समाजवादी पार्टी ने फूलपुर सहित सात सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए। कांग्रेस को सिर्फ गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीट दी। इसकी घोषणा भी सपा की ओर से ही की गई। यह देख कांग्रेस ने रुख बदला।
गठबंधन की दुहाई देते हुए नाराजगी जताई। सिर्फ दो सीटें मिलने पर असंतुष्टि जताते हुए शीर्ष नेतृत्व को पत्र भी भेजा। कहा तो यहां तक गया कि कांग्रेस इन दोनों सीटों पर भी चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने इस मुद्दे इसकी पुष्टि नहीं की। दोनों नेताओं ने इतना जरूर कहा कि वे शीर्ष नेतृत्व के दिशा निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा को हराने के लिए गठबंधन कायम रखेंगे।
सपा ने बदला अपना रुख
उपचुनाव को लेकर मची खींचतान को देखते हुए मंगलवार को समाजवादी पार्टी ने रूख बदला। सपा की ओर से कहा गया है कि वह कांग्रेस को फूलपुर सीट दे सकती है। हालांकि सपा यहां से उम्मीदवार के रूप में मुस्तफा सिद्दकी के नाम की घोषणा कर चुकी है। मुस्तफा वर्ष 2022 के चुनाव में फूलपुर में सपा उम्मीदवार थे और सिर्फ 2200 वोट से पराजित हुए थे। ऐसे में मुस्तफा का नाम वापस लेने का सियासी तौर पर नुकसान होने का भी अंदेशा है। ऐसे में कांग्रेस के अंदरखाने में फूलपुर को मुफीद नहीं माना जा रहा है।
शार्ष नेतृत्व से हरी झंडी का इंतजार
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय दिल्ली जा रहे है। वह पार्टी शीर्ष नेतृत्व के साथ बुधवार को उपचुनाव पर मशविरा करेंगे। ऐसे में बुधवार शाम तक उपचुनाव की सीटों पर स्थिति साफ हो जाएगी। सपा की ओर से फूलपुर सीट देने संबंधी चर्चा को लेकर अभी कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व को कोई संदेशा नहीं मिला है। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि उन्होंने पांच सीटों का प्रस्ताव दिया है। सिर्फ दो सीट पर चुनाव लड़ने की बात कहे जाने पर प्रदेश के कार्यकर्ताओं की मनोदशा से शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराया जा चुका है। इतना जरूर है कि भाजपा को हराने के लिए हम गठबंधन कायम रखेंगे। उम्मीदवार उतारने के लिए शीर्ष नेतृत्व के निर्देश का इंतजार है।
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