गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर और श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के पत्र का मामला गरमाया है। इसका एक वीडियो सामने आया है। इसमें भाजपा नेता डॉ. उदिता त्यागी यति नरसिंहानंद गिरि के खून से पत्र लिखती दिख रही है। इसे विरोधस्वरूप उठाया गया एक अनूठा कदम बताया जा रहा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने खून से पत्र लिखा है।
महामंडलेश्वर ने इस पत्र में भारत में इस्लामिक जिहाद की बढ़ती चुनौतियों का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार से हिंदुओं को उम्मीद थी कि शस्त्र लाइसेंस आसानी से मिलेंगे। ऐसा नहीं हो सका है। उन्होंने मांग की कि हिंदुओं की आत्मरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस की प्रक्रिया को सरल बनाएं, ताकि उन्हें अपनी रक्षा के लिए किसी की तरफ न देखना पड़े।
हिंदुओं को करेंगे एकजुट
यति नरसिंहानंद का कहना है कि इस पत्र पर एक लाख हिंदुओं के हस्ताक्षर कराए जाएंगे। इस अभियान के जरिए वह हिंदुओं को एकजुट करने का प्रयास करेंगे। इसके बाद मंदिर से जुड़ी उदिता त्यागी और अन्य साथी पत्र को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में सौंपेंगे। महामंडलेश्वर ने चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांग पर कार्रवाई नहीं होती है, प्रदेश भर में आंदोलन होगा।
जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के खून से BJP नेत्री डॉ. उदिता त्यागी ने एक पत्र CM योगी आदित्यनाथ को लिखा है। इस पत्र में उन्होंने हिंदुओं के लिए शस्त्र लाइसेंस देने की प्रक्रिया को आसान करने की मांग की है।#ghaziabad #YetiNarasimhanand @NavbharatTimes pic.twitter.com/GDSVbhURKY
— NBT Uttar Pradesh (@UPNBT) February 20, 2025
पत्र में क्या?
सीएम योगी को संबोधित पत्र का विषय यूपी के सभी हिंदुओं के लिए शस्त्र लाइसेंस की प्रक्रिया सुगम बनाने के लिए खून से पत्र लिखा जाना रखा गया है। इसमें कहा गया है कि आप सनातन धर्म के साक्षात आदित्य अर्थात सूर्य हैं। आज इस्लाम के जिहादियों से भयभीत हिंदू समाज आपको अपने तारणहार के रूप में देखता है। यह वह हिंदू समाज है, जिसे समय के लंबे अंतराल से भांति-भांति के बहरुपियों ने छला है।
पत्र में लिखा गया है कि इस हिंदू समाज ने बहुत लोगों को अपने भगवान का दर्जा दिया। ये माना कि से लोग उनका उद्धार करके इन्हें इस्लाम के जिहादियों से मुक्ति दिलाएंगे। लेकिन, इनमें से अधिकांश अपने स्वार्थ सिद्धि में जुट गए। हमारी आशा आपसे है।