Tuesday, November 26, 2024
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यूपी सरकार पर सुप्रीम कोर्ट ने कसा शिकंजा; बुलडोजर लेकर रातों-रात घर नहीं तोड़ सकते

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यूपी सरकार को सड़क चौड़ी करने के लिए घर को गिराए जाने के मामले में कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने इस कार्रवाई को अत्याचारी और कानून के अधिकार के बिना लिया गया ऐक्शन करार दिया। भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने यूपी सरकार से उन लोगों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया, जिसका घर इस कार्रवाई के दौरान गिरा दिया गया था।

सुनवाई के दौरान जस्टिस पारदीवाला ने कहा –

“आप बुलडोजर लेकर रातों-रात घर नहीं तोड़ सकते। आप परिवार को घर खाली करने का समय नहीं देते। घर के सामान का क्या? उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए।” बेंच ने राज्य के मुख्य सचिव को अवैध तोड़फोड़ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत मनोज टिबरेवाल आकाश द्वारा भेजी गई एक शिकायत के आधार पर 2020 में दर्ज एक स्वप्रेरणा मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसका घर 2019 में राज्य के अधिकारियों द्वारा घर को ध्वस्त कर दिया गया था। उन्होंने दावा किया कि राजमार्ग पर कथित रूप से अतिक्रमण करने के लिए बिना किसी पूर्व सूचना या स्पष्टीकरण के उनके घर को ध्वस्त कर दिया गया।

जब राज्य सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ता ने सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण किया है, तो सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “आप कहते हैं कि वह 3.7 वर्ग मीटर का अतिक्रमण था। हम इसे स्वीकार करते हैं, हम उसे इसके लिए कोई प्रमाण पत्र नहीं दे रहे हैं, लेकिन आप इस तरह से लोगों के घरों को कैसे ध्वस्त करना शुरू कर सकते हैं? यह अराजकता है… किसी के घर में घुसना।” बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता को कोई नोटिस नहीं दिया गया और कोई उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

बेंच ने यूपी सरकार से कहा,

“यह पूरी तरह से मनमानी है। उचित प्रक्रिया का पालन कहां किया गया? हमारे पास हलफनामा है, जिसमें कहा गया है कि कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था, आप केवल मौके पर गए और लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को सूचित किया। आप केवल ढोल बजाकर लोगों से घर खाली करने और उन्हें ध्वस्त करने के लिए नहीं कह सकते। उचित नोटिस दिया जाना चाहिए।” सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की जांच रिपोर्ट पर भी गौर किया, जिसमें कहा गया कि ध्वस्तीकरण कथित अतिक्रमण से कहीं अधिक व्यापक था।

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Vinod Maurya
Vinod Maurya
Vinod Maurya has 2 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done B.Com in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @ upbreakingnewshindi@gmail.com
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