Lok Sabha Elections 2024: बुन्देलखंड एक पहाड़ी क्षेत्र है जो दक्षिण पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी मध्य प्रदेश के 13 जिलों में फैला हुआ है. उत्तर प्रदेश के 7 जिले – बांदा, महोबा, हमीरपुर, ललितपुर, झांसी, जालौन और चित्रकूट और मध्य प्रदेश के 8 जिले – दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह और पन्ना इस क्षेत्र में आते हैं.
बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वह बुंदेलखंड क्षेत्र को एक अलग राज्य बनाएंगी. उत्तर प्रदेश के झांसी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अलग बुंदेलखण्ड राज्य बनाने की मांग होती रही है. अगर हमारी सरकार (केंद्र में) बनी तो हम इस संबंध में सकारात्मक कदम उठाएंगे. बुंदेलखंड को अलग राज्य जरूर बनाया जाएगा.
दरअसल, बुंदेलखंड एक पहाड़ी क्षेत्र है जो दक्षिण पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी मध्य प्रदेश के 13 जिलों में फैला हुआ है. उत्तर प्रदेश के 7 जिले – बांदा, महोबा, हमीरपुर, ललितपुर, झांसी, जालौन और चित्रकूट और मध्य प्रदेश के 8 जिले – दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह और पन्ना इस क्षेत्र में आते हैं.
बसपा प्रमुख ने यह भी दावा किया कि अगर लोकसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों और ईवीएम के साथ छेड़छाड़ न की जाए तो मौजूदा भाजपा नीत एनडीए के लिए सत्ता में वापसी करना आसान नहीं होगा.
पिछले कुछ साल से बीजेपी और उसके सहयोगी अधिकांश राज्यों में केंद्र….
मायावती ने कहा, “पिछले कुछ साल से बीजेपी और उसके सहयोगी अधिकांश राज्यों में केंद्र में सत्ता में हैं. जातिवादी, पूंजीवादी, संकीर्ण और प्रतिशोधी नीतियों और उनकी कार्यशैली के कारण और महत्वपूर्ण अंतर के कारण उनके कार्यों और शब्दों से अब ऐसा लगता है कि उनके लिए केंद्र में सत्ता में लौटना आसान नहीं होगा, बशर्ते ये चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों.”
मायावती ने भाजपा पर लगाया आरोप
मायावती ने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने अधीन सभी केंद्रीय एजेंसियों का ‘राजनीतिकरण’ कर दिया है, जैसा कि उसकी पूर्ववर्ती कांग्रेस ने किया था. अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से BJP, कांग्रेस और उनके सहयोगियों को केंद्र में सत्ता में आने से रोकने का आग्रह करते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा, “ओपिनियन पोल और सर्वेक्षणों से गुमराह न हों. साथ ही पार्टी चीफ ने कार्यकर्ताओं को राजनीतिक दलों की साम, दाम, दंड और भेद वाली रणनीति’ के खिलाफ सतर्क रहने की भी चेतावनी दी.
पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र की मुफ्त राशन नीति की आलोचना करते हुए कहा कि अकेले गरीबों की समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र की मुफ्त राशन नीति की आलोचना करते हुए कहा कि अकेले गरीबों की समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो सकता. मायावती ने आगे कहा, “जो मुफ़्त राशन आपको दिया जा रहा है, भाजपा और आरएसएस अपनी जेब से नहीं दे रहे हैं. यह उस टैक्स से आता है जो जनता द्वारा भुगतान किया जाता है, न कि भाजपा और आरएसएस की कृपा से. बता दें कि यूपी में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को झांसी में मतदान होगा. बसपा ने इस सीट से रवि प्रकाश को मैदान में उतारा है. भाजपा ने अपने मौजूदा लोकसभा सांसद अनुराग शर्मा को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन ‘आदित्य’ को टिकट दिया है.
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