यूपी में अब खेती की जमीन पर भी फैक्टरी लगाई जा सकेगी। नए बिल्डिंग बाइलाज में इसकी छूट दी गई है। इससे भू-उपयोग परिवर्तन के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। करोड़ों रुपये भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क बचेगा।
उत्तर प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए आवास विभाग ने बिल्डिंग बाइलाज में बड़ी छूट दी है। इसके लागू होने के बाद कोई भी युवा अपनी या अपने पूर्वजों की खेती की ज़मीन पर आसानी से उद्योग स्थापित कर सकेगा। इसके लिए सरकारी विभागों से भू-उपयोग की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। शासन की ओर से तैयार कराए गए नए बिल्डिंग बाइलाज में इससे जुड़ी तमाम शर्तों में ढील दे दी गई है। इस सम्बंध में शासन ने आपत्ति व सुझाव मांगा है। इसके बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
अब तक किसी ज़मीन को औद्योगिक रूप से उपयोग करने के लिए 12 मीटर चौड़ी सड़क का होना आवश्यक था, लेकिन नई व्यवस्था में यह मानक घटाकर 9 मीटर कर दिया गया है। इससे गांवों और कस्बों में बसे युवाओं के लिए उद्योग लगाना अब कहीं ज्यादा आसान हो जाएगा। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि उद्यमी खेती की जमीन पर भी इसे स्थापित कर सकेंगे। उन्हें इसके लिए प्राधिकरणों के ज्यादा चक्कर नहीं लगाने होंगे। भू-उपयोग से लेकर मानचित्र पास कराने में ज्यादा दिक्कतें नहीं होंगी। भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क कम होने से भी करोड़ों रुपये बचेंगे। नए बिल्डिंग बाइलाज में खेती की ज़मीन का भू-प्रयोग परिवर्तन करवाने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। यानी ज़मीन कृषि श्रेणी में होने के बावजूद उद्योग लगाया जा सकेगा।
फार्म हाउस निर्माण में भी मिली छूट
बाइलाज में सिर्फ उद्योगों के लिए ही नहीं, बल्कि फार्म हाउस के निर्माण को लेकर भी राहत दी गई है। पहले जहां फार्म हाउस बनाने के लिए कम से कम 5000 वर्ग मीटर की ज़मीन जरूरी थी, वहीं अब यह मानक घटाकर 3000 वर्ग मीटर कर दिया गया है। साथ ही सड़क की चौड़ाई की बाध्यता भी 12 मीटर से घटाकर 9 मीटर कर दी गई है। बाइलाज के लागू होने के बाद पूरे प्रदेश में कहीं भी लोग नौ मीटर चौड़ी सड़क पर फार्म हाउस बना सकेंगे।
हर गांव, हर शहर में उद्योग लगाने के उद्देश्य से दी गई छूट
प्रदेश के हर गांव और हर शहर में स्थानीय स्तर पर उद्योग स्थापित हों, जिससे आत्मनिर्भरता बढ़े और युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध हो सके। इसके लिए नए बाइलाज में छूट दी गई है। इससे आने वाले दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में नए उद्योगों की स्थापना का रास्ता खुलेगा।