Yogi government took a big decision for the farmers: किसानों के लिए अच्छी खबर। दरसअल यूपी सरकार की ओर से आए एक फैसले के मुताबिक अब किसान फसल के साथ बिजली का भी उत्पादन कर सकेंगे। इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए खबर को पूरा पढ़े…
उत्तर प्रदेश के अन्नदाता किसानों को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए विशेष योजना तैयार की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्नदाता किसानों को ऊर्जादाता किसानों के रूप में भी विकसित करने का निर्णय लिया है। सीएम योगी की योजना को यूपी पावर कॉरपोरेशन (UPPCL) ने कुसुम योजना के माध्यम से 6 जिलों में लागू करने का निर्णय लिया है। निजी विकास कर्ताओं (किसानों) के साथ 7 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की परियोजनाओं पर पावर परचेज एग्रीमेंट किया गया है।
उत्तर प्रदेश के अन्नदाता किसानों को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए विशेष योजना तैयार की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्नदाता किसानों को ऊर्जादाता किसानों के रूप में भी विकसित करने का निर्णय लिया है। सीएम योगी की योजना को यूपी पावर कॉरपोरेशन (यूपीपीसीएल) ने कुसुम योजना के माध्यम से 6 जिलों में लागू करने का निर्णय लिया है। निजी विकास कर्ताओं (किसानों) के साथ 7 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की परियोजनाओं पर पावर परचेज एग्रीमेंट किया गया है।
इसके तहत किसान अपनी बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा उत्पादन केंद्र की स्थापना करेंगे। इसमें विभिन्न बैंक उनकी मदद करेंगे। सरकार भी इसमें सब्सिडी प्रदान करेगी। इस सौर ऊर्जा उत्पादन केंद्र के माध्यम से पैदा होने वाली बिजली को किसान सरकार या निजी बिजली कंपनियों को बेचकर अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे। योजना के तहत बिजनौर, हाथरस, महोबा, जालौन, देवरिया तथा लखनऊ में सौर ऊर्जा उत्पादन केंद्र की स्थापना की जाएगी।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने बताया कि बिजनौर के ग्राम विलासपुर में 1.5 मेगावाट, हाथरस के ग्राम मौहारी में आधा मेगावाट, महोबा के ग्राम देवगांव में एक मेगावाट, जालौन के ग्राम खुक्सिस में एक मेगावाट, देवरिया के ग्राम बरियारपुर में एक मेगावाट तथा लखनऊ के ग्राम परसेनी में 2 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि इस योजना से किसानों को दो तरह के लाभ मिलेंगे। पहले पुराने डीजल सिंचाई पंप की जगह, वो सोलर पैनल से चलने वाले सिंचाई पंपों का प्रयोग कर पाएंगे। दूसरा उन्हें खेत में लगे सोलर प्लांट से उत्पन्न बिजली को बिजली कंपनियों को बेच कर एक्स्ट्रा आय के तौर पर सालाना 80 हजार रुपए तक कमा सकते हैं। सरकार इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी के तौर पर सोलर पंप की कुल लागत का 90 प्रतिशत रकम देती है।