Hathras incident : हाथरस में हादसे के बाद चर्चा में आए सूरजपाल उर्फ भोले बाबा का यूपी के हर जिले में आश्रम हैं। वहां से उसकी गतिविधि संचालित होती हैं। आगरा मंडल के मैनपुरी में उसका बड़ा आश्रम है। सिकंदराराऊ से सटे कासगंज में उसका पैतृक गांव है। आगरा जिले के सैंया और शास्त्रीपुरम में इसी माह सूरजपाल के सत्संग तय थे। अब सिकंदराराऊ हादसे के बाद इन सत्संगों पर रोक लग गई है।
सैंया क्षेत्र में ग्वालियर हाइवे पर नगला केसरी में 40 बीघा में मानव पावन महापर्व कार्यक्रम की तैयारी चल रही थी। यहां चार जुलाई से 11 जुलाई तक सत्संग होना था। एक रिसार्ट में भोले बाबा के ठहरने की व्यवस्था की गई थी। इसके बाद शास्त्रीपुरम में जेसीबी चौराहा के पास मैदान में 13 से 23 जुलाई तक सत्संग होना था। वहां भी तैयारियां चल रही थी। अब पुलिस प्रशासन ने दोनों कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है। दो जुलाई को हाथरस में सत्संग के बाद हुए भगदड़ में 123 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस अभी तक बाबा को नहीं खोज पाई है।
मैनपुरी में है आलीशान आश्रम
आगरा मंडल के जिले मैनपुरी में सूरजपाल (भोले बाबा) का आलीशान आश्रम है। यहां पर छह कमरे भोले बाबा और उसकी पत्नी के लिए सुरक्षित हैं। इस आश्रम में 80 सेवादारों की फौज है। वह आश्रम की सुरक्षा में रहते हैं। बाबा का आश्रम करीब 21 बीघा क्षेत्रफल में है। उसके काफिले में 30 लग्जरी कारें रहती हैं। सूरजपाल खुद फॉर्च्यूनर से चलता है। मैनपुरी का बिछुआ आश्रम तीन साल पहले बना था। 21 बीघे में बने आश्रम को करीब चार करोड़ की लागत से तैयार कराया गया है। सैंया में होने वाले सत्संग के लिए सूरजपाल (भोले बाबा) को इसी आश्रम से पहुंचना था।
ट्रस्ट के जरिए दान लेता है सूरजपाल
सूरजपाल के मैनपुरी आश्रम का निर्माण राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से हुआ है। सूत्रों के मुताबिक यहां पर दो सौ लोगों के दान देने की बात है। आश्रम में सबसे अधिक ढाई लाख और सबसे कम 10 हजार रुपये दानदाता का नाम अंकित है। इस प्रकार भोले बाबा द्वारा खुद दान न लेकर ट्रस्ट के जरिए दान लेने की बात पुख्ता होती है।
सिकंदराराऊ से सटे कासगंज में भी आश्रम
हाथरस के सिकंदराराऊ से सटे जिले कासगंज के बहादुरनगर स्थित पटियाली गांव में भी भोले बाबा का भव्य आश्रम है। यह उसका पैतृक गांव है। यहीं से भोले बाबा के साम्राज्य की शुरुआत हुई थी।
नोएडा तक फैला है आश्रमों का जाल
सिर्फ मैनपुरी और कासगंज ही नहीं बल्कि भोले बाबा के आश्रम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हैं। कानपुर के विधनू इलाके के कसुई गांव में तीन बीघे जमीन पर आश्रम बना हुआ है। वहीं, इटावा में 15 बीघा में आश्रम बना हुआ है। सराय भूपत के कटे खेड़ा गांव में भोले बाबा का आश्रम बना हुआ था। नोएडा के सेक्टर-87 इलाबांस गांव में भी आलीशान आश्रम है। वर्ष 2022 में ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर 16बी रोज याकूबपुर में समागम का आयोजन हुआ था।