Wednesday, November 27, 2024
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Hamirpur Mining Scam : लोकसभा चुनाव से पहले बुरे में फंसे अखिलेश यादव, CBI ने बड़ा एक्शन

Hamirpur Mining Scam : हमीरपुर खनन घोटाले में फंसे अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव से पहले बुरे में फंसे अखिलेश यादव, CBI ने लिया बड़ा एक्शन आइये जानते हैं हमीरपुर खनन घोटाला क्या है? जिसमें सीबीआई ने अखिलेश यादव को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। इस मामले में रोक के बाद भी पट्टों का आवंटन होता रहा।

हमीरपुर खनन घोटाला मामले में सीबीआई ने सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पूछताछ के लिए बुलाया है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक उन्हें बतौर गवाह बुलाया गया है। मामला 2012 से 2016 के बीच का है, जब अखिलेश मुख्यमंत्री थे। 2013 तक खनन विभाग अखिलेश के ही पास था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर मामले में सीबीआई ने दो जनवरी, 2019 को एफआईआर दर्ज की थी। मामले की जांच कर हमीरपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी, तत्कालीन भूगर्भ विशेषज्ञ व खनन अधिकारी, कुछ कर्मचारियों व निजी कंपनियों समेत 11 को आरोपी बनाया गया।

आरोप है कि अफसरशाही और तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत से लघु खनिज के खनन में बड़ी हेराफेरी हुई। साथ ही मामले में नियमों को ताक पर रख कर रेत खनन की लीज देने का आरोप है। पूरी प्रक्रिया में पर्यावरण संबंधी कानूनों और हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन बताया गया।

इसी क्रम में कई निजी कंपनियों को भी ठेका दे दिया गया। इसके एवज में मोटी रकम का लेन-देन हुआ। एजेंसी ने दिल्ली-यूपी और राजस्थान में छापे मारकर घोटाले से जुड़े अमह सबूत जुटाए थे।
रोक के बाद भी पट्टों का आवंटन
वर्ष 2012 से 2016 सरकार में हम्मीरपुर में 63 खनन पट्टों का आवंटन किया गया, जबकि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने आवंटन पर पाबंदी लगा रखी थी। उस दौरान पहले अखिलेश यादव और फिर गायत्री प्रजापति खनन मंत्री थे। हाईकोर्ट ने एक याचिका पर अवैध तरीके से खनन पट्टे देने की सीबीआई जांच का आदेश दे दिया।

जांच में 14 के आवंटन नियम विरुद्ध पाए गए। इसके बाद सीबीआई ने फतेहपुर, सोनभद्र, देवरिया, हमीरपुर, शामली, सिद्धार्थनगर, सहारनपुर आदि जिलों में हुई गड़बड़ियों में केस दर्ज किया। प्रारंभिक जांच में 100 करोड़ से अधिक के घोटाले के प्रमाण मिले।

हमीरपुर खनन घोटाले में 2019 में दर्ज सीबीआई की एफआईआर में अखिलेश को आरोपी नहीं बनाया गया था। सीबीआई ने तत्कालीन डीएम बी चंद्रकला, तत्कालीन खान अधिकारी मोइनुद्दीन, खनिज विभाग के लिपिक रामआसरे प्रजापति, सपा से एमएलसी रहे रमेश मिश्रा (वर्तमान में भाजपा) समेत कई को नामजद तो किया लेकिन असली गुनहगारों को नहीं तलाश सकी।

आईएएस(IAS) अधिकारियों के केवल बयान हुए दर्ज

सीबीआई व ईडी ने घोटाले में नामजद आधा दर्जन से ज्यादा आईएएस अधिकारियों के बयान कई बार दर्ज तो किए, लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ी। कुछ की संपत्तियों की जांच भी ईडी ने शुरू की थी, हालांकि बीते कई सालों से यह भी ठंडे बस्ते में है।

गायत्री की 50 करोड़ की संपत्ति हो चुकी है जब्त

ईडी तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की 50 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त कर चुका है। वहीं, हमीरपुर निवासी पूर्व एमएलसी रमेश मिश्रा की संपत्तियों का पता लगाया जा रहा है।

एमएलसी(MLC) के परिजन भी कराते थे अवैध खनन

अवैध खनन के मामले में पूर्व सीएम अखिलेश यादव को सीबीआई का समन जारी होते ही सभी आरोपियों के कान खड़े हो गए हैं। स्थानीय अधिवक्ता की याचिका पर करीब साढ़े सात वर्ष पूर्व हाईकोर्ट ने जिले में संचालित मौरंग खनन के 63 पट्टे निरस्त कर सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इनमें से 17 पट्टे उस समय दिए गए थे जब खनन विभाग अखिलेश यादव के पास था। मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी बी चंद्रकला समेत 11 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी।

इन्हें बनाया गया था आरोपी

पांच जनवरी 2017 को जिले में तैनात रही डीएम बी चंद्रकला, तत्कालीन खान अधिकारी मोइनुद्दीन, खनिज विभाग के लिपिक रामआसरे प्रजापति, मौदहा कस्बा निवासी सपा से एमएलसी रहे रमेश मिश्रा (वर्तमान में भाजपा), उनके भाई दिनेश मिश्रा, अंबिका तिवारी उर्फ बबलू , शहर निवासी संजय दीक्षित (सपा) उनके पिता सत्यदेव दीक्षित, जालौन जनपद के कोंच क्षेत्र के पिंडारी गांव निवासी रामअवतार राजपूत, गनेशगंज जालौन निवासी करन सिंह राजपूत व लखनऊ निवासी आदिल खान के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कराया। इसमें अवैध खनन, भ्रष्टाचार व धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था।

यहाँ जानिए क्या था मामला

सपा सरकार के दौरान नियमों की अनदेखी कर ई-टेंडरिंग की जगह मनमाने ढंग से मौरंग खनन के पट्टे दिए गए। जिसमें 17 पट्टे 2012 में किए गए, उस दौरान खनन विभाग स्वयं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास था। जिसे आधार बनाकर बाद में 22 जिलों में खनन के पट्टे दिए गए। वहीं गायत्री प्रजापति के खनिज मंत्री बनने पर 32 पट्टे और जारी किए गए। जिस पर विजय द्विवेदी एडवोकेट ने सात मई 2015 को हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिसके बाद 49 पट्टे निरस्त कर दिए गये। लेकिन इसके बाद भी जिले में खनन जारी रहा।

जिसकी पुन: याचिका पर 20 जून 2016 को हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी पट्टे निरस्त कर दिए। इसमें हमीरपुर में संचालित 63 पट्टे भी शामिल थे। जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा जिले में खनन न होने का हलफनामा दिया गया लेकिन खनन जारी रहा। सबूतों के साथ शिकायत होने पर हाईकोर्ट ने 28 जुलाई 2016 को सीबीआई जांच के आदेश दिए। जिसके बाद सीबीआई ने स्थलीय निरीक्षण और पूछताछ, फाइलों की जांच के बाद 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।

इस बिंदु सीबीआई पर कर सकती है पूछताछ

याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी एडवोकेट ने बताया कि वर्ष 2012-13 में पूर्व सीएम अखिलेश यादव के पास खनिज विभाग था। उस समय 13 लोगों को मानक विहीन 17 खनन पट्टे दिए गए थे। डीएम बी चंद्रकला ने मनमाने तरीके से 31 मई 2012 के बाद 49 खनन पट्टों की स्वीकृति दी। वर्ष 2012-13 में मानक को दरकिनार कर तत्कालीन सपा एमएलसी रमेशचंद्र मिश्रा व उनके परिवार व अन्य लोगों के नाम पट्टे दे दिए गये। इनमें 19 फरवरी से 19 मार्च 2013 के बीच सपा एमएलसी रमेश कुमार मिश्रा, मालती मिश्रा को तीन, सुरेश कुमार मिश्रा को दो, दिनेश कुमार मिश्रा को दो के साथ विनोद कुमार, अशोक कुमार के नाम भी खनन पट्टा दिया गया। इसी संबंध में सीबीआई अखिलेश से पूछताछ कर सकती है।

प्रवर्तन निदेशालय ने भी दर्ज किया था मुकदमा

याचिकाकर्ता के अनुसार, उस दौरान रॉयल्टी मात्र एक हजार रुपये लगती थी। उसके अलावा प्रति ट्रक 15 हजार रुपये वसूला जाता था। जिले की खदानों से करीब छह हजार ट्रक प्रतिदिन मौरंग निकाली जाती थी। वसूली का खेल करीब एक दशक तक चला। जिसकी जांच के लिए 16 जनवरी 2017 को मुकदमा प्रवर्तन निदेशालय में भी 11 आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया गया। जिसके बाद ईडी ने भी मारा था।

जानिए कैसे शुरू हुआ सिलसिला

याचिकाकर्ता एवं अधिवक्ता विजय द्विवेदी ने बताया कि मैं लोगों की समस्याओं और पर्यावरण को लेकर हमेशा से सक्रिय हूं। शुरूआत में मैं खराब सड़कों के विरोध में प्रदर्शन करता था। कई आंदोलन भी किए हैं। मानकों को दरकिनार भारी भरकम पोकलैंड मशीनें नदियों को सीना चीर रहीं थीं। जिससे सुमेरपुर व सरीला ब्लॉक डार्क जोन में चले गए थे। जिसके बाद मैंने याचिका डाली थी। इसके बाद कोर्ट ने एक्शन लिया और कार्रवाई शुरू हो गई।

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Vinod Maurya
Vinod Maurya
Vinod Maurya has 2 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done B.Com in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @ upbreakingnewshindi@gmail.com
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