हाथरस हादसे में 121 लोगों की मौत के बाद शासन से लेकर जिला प्रशासन तक एक्शन में है। योगी सरकार ने एसआईटी के साथ ही न्यायिक जांच का ऐलान किया है। हाथरस प्रशासन ने आयोजक देव प्रकाश माथुर और अज्ञात लोगों के खिलाफ सिकंदराराऊ थाने में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया है। इसमें सत्संग करने वाले सूरजपाल सिंह उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं होने पर सवाल उठ रहा है। सीएम योगी बुधवार को हाथरस पहुंचे तो उनके सामने भी यह सवाल उठा। इस पर सीएम योगी ने बताया कि क्यों अभी बाबा का नाम एफआईआर में नहीं आया है। इसके साथ ही कहा कि सभी लोग जांच के दायरे में आएंगे। जो लोग भी दोषी होंगें किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।
सीएम योगी बुधवार की सुबह हाथरस पहुंचे और घटनास्थल पर जाने के साथ ही अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल
सीएम योगी बुधवार की सुबह हाथरस पहुंचे और घटनास्थल पर जाने के साथ ही अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए घटना और उसकी जांच को लेकर विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान भोले बाबा का नाम एफआईआर में नहीं होने के सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि सबसे पहले एफआईआर उनके खिलाफ होती है जिन लोगों ने आयोजन के लिए परमिशन मांगी थी। अभी आयोजक के खिलाफ एफआईआर हुई है। जांच शुरू हो चुकी है। आगे जो लोग भी इसमें दोषी होंगे सभी के खिलाफ एफआईआर होगी। सभी लोग इसके दायरे में आएंगे। किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान भगदड़ में 121 लोगों की मौत
हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र में मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग कार्यक्रम के दौरान भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। 35 लोगों का इलाज हाथरस, आगरा और अलीगढ़ के अस्पतालों में चल रहा है। पुलिस ने कथावाचक सूरजपाल सिंह उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सेवादार एवं सत्संग कार्यक्रम के आयोजक देव प्रकाश माथुर और अज्ञात लोगों के खिलाफ सिकंदराराऊ थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 110, 126, 223, 238 के तहत एफआईआर दर्ज कराई है।
एफआईआर के अनुसार सत्संग कार्यक्रम के लिये जिला प्रशासन से 80 हजार लोगों के शामिल होने की अनुमति ली गयी थी जबकि कार्यक्रम स्थल में करीब ढाई लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। कार्यक्रम के समापन के बाद जब भोले बाबा का काफिला बाहर निकल रहा था, उस समय उनके करीब पहुंचने और चरण रज लेने की आपाधापी मच गयी। इसी बीच बाबा के साथ चल रहे उनके निजी सुरक्षा कर्मियों ने भीड़ के साथ धक्कामुक्की की जो हादसे का सबब बना। एफआईआर में बाबा के सेवादारों पर साक्ष्य छिपाने का भी आरोप लगाया गया है कि भगदड़ के दौरान गिरे लोगों का सामान और जूते चप्पल दूर खेतों में फेंक दिये गये।
उधर, हाथरस के उपजिलाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एटा रोड पर स्थित मुगलगढी के ग्राम फुलरई में श्री नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के प्रवचन कार्यक्रम को सुनने के लिये दो लाख से अधिक लोगों की भीड़ पांडाल में मौजूद थी। सत्संग कार्यक्रम करीब पौने दो बजे समाप्त हुआ जिसके बाद भोले बाबा पांडाल से बाहर निकले, इस बीच उनके चरण स्पर्श करने और चरण रज लेने के लिये भीड़ उनके वाहन की तरफ दौड़ पड़ी। जीटी रोड और डिवाइडर की तरफ भी लोग खड़े थे जो डिवाइडर पार कर वाहन की तरफ भागे। बाबा के निजी सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ को वाहन के पास जाने से रोकने के लिये धक्का मुक्की की। इससे कई महिलायें गिर पड़ी और भीड़ उनके ऊपर से गुजर गयी।
उमस भरी गर्मी के बीच सांस लेने के लिये कुछ लोग खेतों की तरफ भागे मगर ढलान के कारण वे गिरते चले गये। रिपोर्ट के अनुसार पुलिस प्रशासन ने घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहां चिकत्सिकों ने 89 को मृत घोषित कर दिया जबकि अन्य की उपचार के दौरान मृत्यु हो गयी। घायलों का इलाज हाथरस के अलावा अलीगढ़,आगरा और एटा के अस्पतालों में चल रहा है।
अलीगढ के मंडलायुक्त की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन
हादसे के कारण की जांच के लिये अपर पुलिस महानिदेशक आगरा और अलीगढ के मंडलायुक्त की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया है। समिति आज मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट प्रेषित करेगी। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि जारी करने के नर्दिेश दिये हैं। केंद्र सरकार की ओर से भी हताहतों को इतनी ही सहायता दी गयी है।
स्थानीय आयोजकों ने ‘भोले बाबा’ का एक कार्यक्रम आयोजित किया था। कार्यक्रम के बाद, जब सत्संग के प्रवचनकर्ता मंच से नीचे आ रहे थे, तभी अचानक भक्तों की भीड़ उनकी ओर दौड़ने लगी उन्हें छूने के लिए और जब ‘सेवादारों’ ने उन्हें रोका, तो वहां यह हादसा हो गया। मंत्री चौधरी तीनों मौके पर हैं।
हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार पटेल ने पत्रकारों को बताया कि सिकंदराराऊ तहसील में मुगलगढ़ी नेशनल हाइवे पर फुलरई गांव में आज एक धार्मिक आयोजन के समापन पर उमस के बीच बाहर निकलने की जल्दी में भगदड़ मच गयी जिससे कई हताहत हुये है। उन्होने कहा कि यह एक निजी कार्यक्रम था जिसकी अनुमति एसडीएम से ली गयी थी और कार्यक्रम के मद्देनजर सभी संभव इंतजाम किये गये थे।
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