हाथरस के सिकंदराराऊ हादसे में सवा सौ लोगों की मौत की घटना के बाद पूरे देश में चर्चा में आए सूरजपाल उर्फ साकार हरि भोले बाबा बुधवार को अपने वकील के साथ अचानक अपने गांव पटियाली के बहादुर नगर आश्रम पर पहुंचा। वह करीब 10 साल बाद अपने गांव में पहुंचा। भोले बाबा के यहां पहुंचने की सूचना मिलते ही उसके अनुयायियों का पहुंचना शुरू हो गया।
कई गाड़ियों के काफिले के साथ दोपहर करीब दो बजे भोले बाबा जैसे ही आश्रम पर पहुंचा तो गांव में हलचल बढ़ गई। पुलिस-प्रशासन में भी सक्रियता बढ़ गई। उधर सूरजपाल उर्फ साकार हरि के पटियाली आश्रम पहुंचने की सूचना मिली तो उसके तमाम सेवादार और अनुयायियों का आश्रम पर पहुंचना शुरू हो गया। आश्रम पर पहुंचे सूरजपाल उर्फ साकार हरि भोले बाबा ने आश्रम की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। आश्रम में आए अनुयायियों का हाल चाल पूछा। सूरजपाल भोले बाबा के साथ उनकी पत्नी भी है। उसने सफाई देते हुए कहा चरण रज की बात का झूठा प्रचार किया गया। सिकंदराराऊ सहित किसी सत्संग में कभी भी मेरे द्वारा मंच से इस तरह की बात नहीं कही। मेरे विरुद्ध भ्रामक प्रचार करने वालों की अपनी सोच है। जिन परिवारों की हानि हुई है। मुझ सहित आश्रम परिवार संकट की घड़ी में उनके साथ है।
हाथरस भगदड़ में 121 लोगों की हुई थी मौत
हाथरस के सिकंदराराऊ इलाके में दो जुलाई को स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गयी थी। राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) और न्यायिक आयोग का गठन किया है। भगदड़ के मामले में दर्ज मुकदमे में बाबा का नाम आरोपी के तौर पर शामिल नहीं था। एसआईटी ने गत जुलाई को राज्य सरकार को सौंपी गयी अपनी रिपोर्ट में भगदड़ के पीछे किसी बड़ी साजिश से इनकार नहीं किया।
एसआईटी रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन की ओर से चूक
एसआईटी रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन की ओर से चूक की ओर भी इशारा किया गया। रिपोर्ट में भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया और दावा किया गया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी। सूत्रों ने बताया कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने इस आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को उचित जानकारी देने में विफल रहे।
भोले बाबा के वकील ने पिछली छह जुलाई को दावा किया था कि हाथरस में ‘कुछ अज्ञात लोगों’ द्वारा छिड़के गए ‘किसी जहरीले पदार्थ’ के कारण भगदड़ मची। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक अलग न्यायिक आयोग भी हाथरस भगदड़ मामले की जांच कर रहा है।
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