गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को मुरादाबाद की धरती से सत्रह लोकसभा सीटों पर जीत के लिए मंथन किया। इसके लिए पार्टी को सर्वस्पर्शी बनाने और कमल के फूल का निशान हर दिल तक पहुंचाने का संकल्प दिलाया। वेस्ट से ब्रज तक के चुनिंदा करीब ढाई सौ नेताओं के बीच भाजपा के थिंक टैंक अमित शाह ने करीब 40 मिनट के उद्बोधन में ही चुनाव की रणनीति साफ कर दी। सांसद हों या विधायक, लोकसभा प्रभारी हों या संयोजक, सभी को काम सौंपा। शक्ति केंद्रों से बूथ स्तर तक किसे क्या करना है, यह भी समझाया। वेस्ट यूपी की 14 सीटों और ब्रज क्षेत्र की तीन सीटों पर चुनाव मैनेजमेंट समझाया। 2019 के चुनाव में भाजपा ने मुरादाबाद मंडल की छह सीटों समेत सात सीटें गंवाई थीं।
अमित शाह ने प्रत्येक बूथ के एक एक वोटर तक चुनाव से पहले पांच बार पहुंचना जरूरी बताया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की उपलब्धियों को लेकर हर दिल में कमल की छाप छोड़ने का बड़ा जिम्मा सौंपा। जाति, धर्म की दीवार तोड़ कर हर वर्ग के वोट को हासिल करने और सीट जीतने का तानाबना बुना। इस चुनाव को गृह मंत्री ने सिर्फ लोकसभा में जीत हासिल करने मकसद भर नहीं बताया बल्कि यह भी जोड़ा कि आगे बहुत देश हित में कई बड़े काम करने हैं। पार्टी को पचास बरसों के लिए मजबूत करना है।
पार्टी की स्वीकार्यता हर वर्ग में बढ़ाने में उन्होंने सांसद, विधायक से बूथ स्तर तक पन्ना प्रमुख सभी की भूमिका बताई। उदाहरण दिया कि एक वक्त पार्टी की हैसियत कंकड़ में गेहूं बीनने जैसी थी पर अब सिर्फ आपको गेहूं से सिर्फ कंकड़ निकालना है। कार्यकर्ताओं से कहा कि वे इतनी मेहनत करें कि लोग साइकिल, पंजा, हाथी भूल जाएं और उन्हें सिर्फ कमल का फूल याद रहे।
गुजरात में हो सकता तो यूपी में क्यों नहीं
अमित शाह ने कहा कि गुजरात में हर बूथ का मैनेजमेंट इस तरह का है कि सभी वर्गों का वोट भाजपा को मिलता है। उन्होंने संपर्क से समर्थन बढ़ाने पर जोर दिया। शक्ति केंद्रों पर छह से सात बूथों की बैठक फिर प्रत्येक बूथ से पन्ना प्रमुख के साठ मतदाता परिवारों तक पहुंचने के लिए गणित की तरह बात समझाई। कहा पंद्रह परिवारों तक पन्ना प्रमुख समेत जिम्मेदार नेता भी पहुंचें। जिससे मतदाता हमारे साथ जुड़ें। कहा मोदी सरकार ने योजनाएं चलाईं तो लाभ नीचे तक पहुंचा है इस संदेश को ले जाने में ताकत झोंक दें।
इन 17 सीटों की कोर कमेटियां हुईं शामिल
पहला चरण : मुरादाबाद, सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फर नगर, बिजनौर, नगीना, रामपुर, पीलीभीत
दूसरा चरण : अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा
तीसरा चरण : संभल