Prostitution under the cover of hospital: आगरा के बोदला-बिचपुरी मार्ग स्थित एक इमारत में नीचे हॉस्पिटल और दूसरी मंजिल पर देह व्यापार का अड्डा चल रहा था। मंगलवार की दोपहर जगदीशपुरा पुलिस और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने दबिश दी। पुलिस के पहुंचते ही वहां भगदड़ मच गई। अंदर का नज़ारा देख पुलिसवाले भी दंग रह गए। मौके से संचालिका सहित पांच महिलाएं और तीन पुरुष पकड़े गए। आरोपियों में बिल्डिंग का मालिक भी शामिल है। पुलिस का दावा है कि उसे हर बात की जानकारी थी। मौके पर तलाशी में शक्तिवर्धक दवाओं सहित कई आपत्तिजनक सामान मिले हैं।
एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि बोदला-बिचपुरी मार्ग पर अमर पैलेस नाम से दो मंजिला इमारत है। इमारत का मालिक बोदला निवासी अमर सिंह है। इमारत में नीचे मृत्युंजय हॉस्पिटल चलता है। दूसरी मंजिल पर मुस्कान नाम की महिला किराए पर रहती है। वह देह व्यापार का अड्डा चला रही थी। कई महिलाएं और युवतियां उसके संपर्क में थी। वह ग्राहकों को पहले व्हाट्सएप पर उनके फोटो भेजा करती थी।
ग्राहक जिस युवती को पसंद करते थे वह उस युवती को अपने अड्डे पर बुला लेती थी।
ग्राहक जिस युवती को पसंद करते थे वह उस युवती को अपने अड्डे पर बुला लेती थी। कमरों में अय्याशी कराई जाती थी। वहां शराब, बीयर, शक्तिवर्धक दवाएं, शक्तिवर्धक स्प्रे आदि सामान भी मुहैया कराए जाते थे। पुलिस के मौके पर पहुंचते ही खलबली मच गई। दो ग्राहक मौके पर मौजूद थे। उन्हें महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा गया। पुलिस ने अड्डा संचालिका से पूछा कि भवन स्वामी को इस बात की जानकारी है या नहीं। उसने कहा कि उनका कार्यालय तो इसी तल पर है। उन्हें सब पता है। इस जानकारी के बाद पुलिस ने भवन स्वामी अमर सिंह को भी पकड़ लिया।
एसीपी ने बताया कि पकड़ी गई सभी महिलाएं लोकल हैं। मौके से मनोज कुमार जैन और सतीश कुमार भी पकड़ा गया था। दोनों ग्राहक थे। पुलिस इस मामले में मुस्कान के पति की तलाश कर रही है। वह भी इस अवैध धंधे में शामिल है।
अमर पैलेस के नीचे हॉस्पिटल में बड़ा कांड
पुलिस ने बताया कि अमर पैलेस में नीचे हॉस्पिटल है। ऊपर देह व्यापार का अड्डा चल रहा था। हॉस्पिटल के बाहर चहल-पहल रहती है। तीमारदार बाहर बैठे रहते हैं। उनके वाहन भी आते हैं, इसलिए कोई यह शक नहीं करता है कि यहां रोज नए-नए लोग आते हैं। आरोपित इसी बात का फायदा उठा रहे था। ऊपर देह व्यापार का अड्डा चल रहा था। किसी अनजान के आने पर आस-पास वालों को शक नहीं होता था।