बहराइच हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा की अंत्येष्टि न करने पर अड़े परिजनों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन दिया है कि दंगाइयों पर ऐसी कार्रवाई होगी जो नजीर बनेगी। मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद ही परिवार वाले मान गए। क्षेत्रीय विधायक के मोबाइल से मुख्यमंत्री ने रामगोपाल मिश्रा के बड़े भाई से बातचीत की। इसके बाद बड़े भाई ने शव का अंतिम संस्कार किया। पीड़ित परिवार से मुख्यमंत्री मुलाकात भी करेंगे। इसकी जिम्मेदारी विधायक को दी गई है।
बहराइच के महाराजगंज में हिंसा के शिकार हुए रामगोपाल मिश्र की हत्या करने वाले आरोपितों के एनकाउंटर करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों से मुख्यमंत्री ने फोन पर बात की। परिजन तहसील मुख्यालय पर शव रखकर प्रदर्शन कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने परिवार को आश्वस्त किया है कि दंगाइयों पर ऐसी कार्रवाई की जाएगी, जो नजीर बनेगी। इसके साथ ही विधायक सुरेश्वर सिंह को मृतक के भाई, मां व पत्नी को लखनऊ लाकर मिलने की बात भी कही है। परिजन मंगलवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने सोमवार की सुबह डीजीपी प्रशांत कुमार, अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार समेत कई आला अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की।उन्हें निर्देश दिए कि हिंसा में शामिल कोई भी उपद्रवी बचना नहीं चाहिए। उन्होंने एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश और गृह सचिव डा. संजीव गुप्ता को मौके पर भेजा। वहां पहुंच कर अमिताभ यश ने मोर्चा भी संभाल लिया है।
मुख्यमंत्री ने बहराइच में चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती करने के निर्देश दिए। उनके निर्देश पर बहराइच में 12 कंपनी पीएससी, दो कंपनी सीआरपीएफ, एक कंपनी आरएएफ और गोरखपुर ज़ोन की पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। साथ ही माहौल को बेहतर बनाने के लिए चार आईपीएस, दो एएसपी और चार सीओ की तैनाती की गई है। बहराइच के प्रशासन और पुलिस ने जनता से अपील की है कि अफवाहों और भ्रामक खबरों से सावधान रहें।
दूसरी ओर पुलिस ने अब तक 30 से अधिक उपद्रवी हिरासत में लिए हैं। साथ ही 10 के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें चार लोगों को नामजद किया गया है। सीसी फुटेज के आधार पर आरोपितों को चिन्हित किया जा रहा है। डीजीपी ने बहराइच पुलिस को निर्देश दिए हैं कि पता करें कि आखिर सोमवार को बवाल फिर क्यों शुरू हुआ।
एसटीएफ ने डाला डेरा, इंटरनेट सेवा बंद की
महसी तहसील क्षेत्र में भड़की हिंसा को देखते हुए इंटनेट सेवा बंद कर दी गई हैं। उपद्रव की समीक्षा के बाद यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने मोर्चा संभाल लिया है। उनका खुद का हाथ में रिवाल्वर लेकर सड़क पर दौड़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एसटीएफ की चार टीमों को भी प्रभावित क्षेत्र में तैनात कर दिया गया है। ये टीमें बुलेट प्रूफ वाहनों से लैस होकर मोर्चे पर डट गई हैं।
महसी तहसील के हरदी थाना क्षेत्र के महाराजगंज कस्बे में अब्दुल हमीद के घर के सामने से विसर्जन जुलूस निकलने के दौरान दूसरे समुदाय के लोगों के पथराव व गोली मारने के बाद हिंसा भड़क गई थी। इसमें रामगोपाल की मौत संग 15 से अधिक लोग घायल हो गए थे। दूसरे दिन सोमवार को शव पहुंचने पर दोबारा हिंसा भड़क गई। ऐसे में एसटीएफ चीफ एवं डीजीपी लॉ एंड आर्डर अमिताभ यश खुद बहराइच पहुंचे।
हिंसा की वजह समेत विभिन्न बिंदुओं की समीक्षा की। इसके बाद खुद भी कबड़ियनपुरवा पहुंचे। यहां दंगाइयों को देखकर अपना रिवाल्वर निकालकर दौड़ा लिया। हालातों को देखते हुए प्रभावित क्षेत्र में पीएसी संग यूपी एसटीएफ की चार टीमें भी बुलाई गई हैं, जो पांच बजे के करीब बुलेट प्रूफ वाहनों से महाराजगंज पहुंच गई हैं। हर टीम में सात-सात कुल 18 कमांडो व चार एसआई रैंक के अधिकारी शामिल हैं।
दोपहर करीब 12 बजे से इंटरनेट सेवा भी बंदकर दी गई। बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों में गलत तथ्यों व वीडियो को बनाकर अपलोड किया जा रहा था, जिसके चलते कानूनी व्यवस्था के बिगड़ने की आशंका के चलते इंटरनेट ठप कर दिया गया।
चार जोन में बंटा हिंसा प्रभावित क्षेत्र
हिंसा को देखते हुए महसी तहसील को चार जोन में बांटा गया है। हर जोन में यूपी एसटीएफ की एक टीम को मुस्तैद किया गया है, जो पीएससी, पुलिस संग दंगाइयों पर नियंत्रण करेगी। इसके लिए एक नोडल अधिकारी भी नामित किया गया है, जो पूरे ऑपरेशन को लीड करेगा। उच्चाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों की गतिविधियों की सूचना प्रसारित करता रहेगा।
रात में बरामद खोखे व अन्य की जांच भी शुरू
महाराजगंज में हमीद के घर के आसपास से रविवार की रात को पुलिस के हाथ कई खाली खोखे भी बरामद किए गए थे। तलाशी के दौरान भी कई हथियार पाए गए थे। अब पुलिस इनकी जांच में जुट गई है। आशंका जताई जा रही है कि सिर्फ एक ही राउंड गोली नहीं चलाई गई है, बल्कि डीजे की आवाज की आड़ में विशेष समुदाय के लोगों ने कई राउंड फायर किया।
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