Saturday, November 23, 2024
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UP news : बच्चे को नींद की दवा देकर 40 हजार में बेचा

बरेली के अपोलो हॉस्पिटल से पीलीभीत निवासी युवक का 25 दिन का बेटा रविवार रात चोरी हो गया। बच्चे के पिता की तहरीर पर बारादरी पुलिस ने नये कानून के तहत रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी। 12 घंटे बाद पुलिस ने खरीदने व बेचने वाले को गिरफ्तार कर बच्चे को नवाबगंज से बरामद कर लिया। पीलीभीत में सुनगढ़ी गौटिया निवासी सुशील कुमार ने बताया कि पांच जून को पैदा हुए बेटे को निमोनिया होने पर 28 जून को डोहरा रोड स्थित अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया था।

एनआईसीयू में बच्चे को मशीन में रख इलाज किया जा रहा था। रविवार रात 12 बजे वे लोग सो गए। सोमवार सुबह छह बजे वे लोग वहां पहुंचे तो बच्चा चोरी हो चुका था। बारादरी इंस्पेक्टर ने रात की ड्यूटी पर मौजूद फैजान समेत तीन कर्मचारियों से सख्ती की तो फैजान ने बताया कि उसने बच्चे को नवाबगंज के सबलू को 40 हजार में बेच दिया है। रात साढ़े दस बजे पुलिस ने बच्चे को बरामद कर उसके माता-पिता को सौंप दिया।

दोस्त से किया था सौदा

फैजान ने पूरी प्लानिंग के तहत इस वारदात को अंजाम दिया था। सबलू से उसने 40 हजार रुपये में बच्चे का सौदा किया था और पांच हजार रुपये एडवांस मिले थे। बाकी रकम बाद में मिलनी थी लेकिन उससे पहले ही वह पकड़ा गया। पुलिस की पूछताछ में बच्चा बेचने वाले अस्पताल कर्मचारी फैजान ने बताया कि सबलू उसका पुराना परिचित है। कोई संतान न होने के कारण उसने बच्चा दिलाने की बात कही थी। 28 जून को सुशील का बेटा भर्ती हुआ तो उसने चोरी करके बेचने की ठान ली। सबलू से 40 हजार रुपये में उसने बच्चे का सौदा किया और पांच हजार रुपये एडवांस ले लिए। इसके बाद रविवार रात जब बच्चे के परिवार वाले नीचे सोने चले गए तो उसने नींद की दवाई देकर बच्चे को सबलू को ले जाकर सौंप दिया। मगर पुलिस के समय रहते सक्रिय हो जाने से पूरा मामला खुल गया। पुलिस ने फैजान और सबलू को गिरफ्तार कर बच्चे को बरामद कर लिया।

सुशील के घर फिर लौटी खुशियां

पीलीभीत के सुशील और उनकी पत्नी कोमल का यह पहला बच्चा था। बेटा होने की खुशी में घर में उल्लास का माहौल था। मगर अस्पताल से बच्चा चोरी होने के बाद कोहराम मच गया। रात में पुलिस ने बच्चे को बरामद कर सुशील और कोमल को सौंपा तो उनकी खुशियां फिर लौट आईं। वे दोनों पुलिस को दुआएं देते हुए थाने से चले गए।

अस्पताल में कैमरे और अन्य सुविधाएं नहीं थीं

अपोलो हॉस्पिटल से बच्चा चोरी होने के बाद पूरा प्रबंधन ही सवालों के घेरे में आ गया है। कैदखाने जैसी एक दरवाजे की बिल्डिंग में यह संचालित हो रहा था। बच्चे को एनआईसीयू में भर्ती किया गया था और उसके नाक-मुंह में ट्यूब लगाई गई थीं, जिन्हें प्रशिक्षित व्यक्ति ही निकाल सकता है। ऐसे में वहां से बच्चा चोरी होने के मामले में अस्पताल स्टाफ की मिलीभगत नजर आ रही थी। पुलिस वहां के संचालक समेत अन्य स्टाफ से पूछताछ की तो कड़ियां जुड़ गई।

अस्पताल में बच्चे के पिता सुशील कुमार, चाचा नरवेश और परिवार के अन्य लोग मौजूद थे। उन लोगों का कहना है कि बच्चे को ऊपर के कमरे में भर्ती किया गया, जिसे एनआईसीयू बताया था। बच्चे की नाक और मुंह में ट्यूब लगी होने के साथ ही हाथ में कैथ भी लगी थी। अस्पताल का नियम बताकर उन लोगों को बार-बार बच्चे को देखने भी नहीं देते थे। बच्चा चोरी होने के बाद उसे लगी ट्यूब आदि मशीन में ही पड़ी मिली हैं। ऐसे में अस्पताल के स्टाफ की मिलीभगत के बिना बच्चा चोरी होना संभव नहीं है क्योंकि ये ट्यूब अस्पताल का प्रशिक्षित स्टाफ ही निकाल सकता है।

इसके चलते बारादरी पुलिस ने रात में अस्पताल में काम करने वाले फैजान समेत दो युवक और एक युवती को हिरासत में ले लिया। सुशील ने बताया कि उन लोगों ने रात 12 बजे तक बच्चा देखा था। वहां भर्ती अन्य लोगों ने दो बजे से तीन बजे के बीच बच्चा चोरी होने की बात कही। मगर पूरी रात अस्पताल का स्टाफ इस घटना को छिपाए रहा। सोमवार सुबह छह बजे उन्होंने स्वयं बच्चे को जाकर देखा तो उसके चोरी होने की बात सामने आई।

मानकों की अनदेखी कर बनाया अस्पताल

अपोलो हॉस्पिटल को पूरी तरह से मानकों को ताक पर रखकर बनाया गया है। डोहरा रोड पर स्थित इस अस्पताल में सिर्फ एक ही दरवाजा है। अगर अस्पताल में कोई हादसा हो जाए तो वहां से लोगों का आसानी से बाहर निकलना भी मुश्किल है। अस्पताल की इमारत दो मंजिला है लेकिन सीढ़ियां नहीं हैं, सिर्फ रैंप बना हुआ है। ऐसे में बीडीए व फायर ब्रिगेड से ए भोसी और अस्पताल के पंजीकरण पर भी सवाल उठ रहे हैं।

डॉक्टरों का पता नहीं और मरीज हो रहे भर्ती

अपोलो हॉस्पिटल पूरी तरह से भगवान भरोसे चल रहा है। अस्पताल के बोर्ड या अंदर-बाहर कहीं पर भी डॉक्टरों के नाम कहीं पर भी डिस्प्ले नहीं किए गए हैं जबकि वहां पर कई मरीज भर्ती हैं। अस्पताल के स्टाफ से डॉक्टरों के नाम पूछे गए तो वे भी कुछ नहीं बता सके।

सुरक्षा के इंतजाम नहीं

अस्पताल में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। न तो आग लगने पर उससे निपटने की कोई व्यवस्था है और न ही वहा पर सीसीटीवी कैमरे हैं। रविवार रात बच्चा चोरी होने के बाद पुलिस ने जाच शुरू की तो वहा पर कोई सीसीटीवी नहीं मिला। मगर इस घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल सीसीटीवी कैमरे लगवाने शुरू कर दिए है।

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Vinod Maurya
Vinod Maurya
Vinod Maurya has 2 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done B.Com in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @ upbreakingnewshindi@gmail.com
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