मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राम व कृष्ण की धरती पर कांग्रेस गोकशी की छूट देना चाहती है। देश का हिंदू समाज इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। गाय उसके लिए मां के समान है। वह शनिवार को अपने सरकारी आवास पर मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। कांग्रेस के घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों को खानपान की आजादी देने के वायदे का जिक्र करते हुए उन्होंने कांग्रेस और उसकी अगुवाई वाले गठबंधन पर गोमांस को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश का हिंदू समाज कांग्रेस की इस मंशा को कभी सफल नहीं होने देगा। सीएम योगी ने कांग्रेस को यूपी में गोकशी करने वालों की सजा भी याद दिलाई। उन्होंने कहा, 2017 के बाद उन्होंने गोकशी पर रोक लगाई।
गोहत्या को लेकर एक कड़ा कानून बनाया। इस कानून के तहत प्रदेश में गोकशी पर 10 साल की सजा और पांच लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। वहीं, गोवंश के अंगभंग पर सात साल की जेल और तीन लाख के जुर्माने का प्रावधान है। योगी सरकार ने 2020 में ही गोकशी पर अध्यादेश लाने के बाद उसे कानून का रूप दिया था। उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अधिनियम 2020 में योगी सरकार ने कई नए प्राविधान जोड़े थे, जिससे प्रदेश में गोकशी करना आसान नहीं रह गया है। इसके तहत यूपी में गोकशी या गोवंश की तस्करी के अपराधों में सजा और कड़ी कर दी गई है। इस अधिनियम के तहत गोवंश की तस्करी पर 10 साल तक की जेल और दोबारा दोषी पाए जाने पर सजा दोगुनी हो सकती है। इससे पूर्व के कानून में गोवंश के वध या इस नीयत से तस्करी पर न्यूनतम सजा का प्रावधान नहीं था।
संशोधित कानून में गोकशी पर न्यूनतम तीन साल की सजा और न्यूनतम तीन लाख जुर्माना तय किया गया है। वहीं, गोवंश को अंगभंग करने पर भी कम से कम एक साल की सजा और एक लाख का न्यूनतम जुर्माना होगा। अधिनियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जो कोई किसी गाय या उसके गोवंश को ऐसी शारीरिक क्षति करता है, जो उसके जीवन को संकट में डाले या अंग भंग करे, उस व्यक्ति पर एक वर्ष से साथ वर्ष तक की सजा और एक लाख रुपए से तीन लाख रुपए तक के जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
तस्करी पर अभियुक्त से वसूला जाएगा भरण-पोषण का खर्च
संशोधित कानून के अनुसार अगर तस्करी के लिए ले जाया जा रहा गोवंश जब्त किया जाता है तो एक साल तक उसके भरण-पोषण के खर्च की वसूली भी अभियुक्त से ही की जाएगी। पूर्व के कानून में गोवंश या उसके मांस को ढोने वाले वाहनों, उनके मालिकों या चालकों पर कार्रवाई को लेकर तस्वीर साफ नहीं थी। वहीं संशोधित कानून में अब जब तक वाहन मालिक साबित नहीं कर देंगे कि उन्हें वाहन में प्रतिबंधित मांस की जानकारी नहीं थी, वे भी दोषी माने जाएंगे। साथ ही चालक और ऑपरेटर भी दोषी होंगे। वाहन सीज कर दिया जाएगा। इस अधिनियम के तहत सभी अपराध गैरजमानती होंगे।