Up Weather Latest update: यूपी में बारिश-ओलों ने फेरा की फसलों पे फेरा पानी, फसलें हुई बर्बाद आपको बता दें, उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में शनिवार रात से तेज हवा, गरज चमक के साथ हुई बारिश-ओलावृष्टि ने फसलों को खासा नुकसान पहुंचाया है। इस दौरान आकाशीय बिजली गिरने से विभिन्न जिलों में दस लोगों की जान चली गई। उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में शनिवार रात से तेज हवा, गरज चमक के साथ हुई बारिश व ओलावृष्टि ने फसलों को खासा नुकसान पहुंचाया है। इस दौरान आकाशीय बिजली गिरने से विभिन्न जिलों में दस लोगों की जान चली गई। कई लोग घायल भी हुए हैं। तेज हवा के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि की वजह से दिन व रात के तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई। ठिठुरन के साथ जाती हुई सर्दी फिर लौट आई। बारिश के चलते बिजली आपूर्ति भी लड़खड़ा गई।
आकाशीय बिजली गिरने से बीते 24 घंटों में गोण्डा, अयोध्या, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुरखीरी, महराजगंज, कुशीनगर, कौशाम्बी, शाहजहांपुर और बांदा में एक-एक व्यक्ति की बिजली गिरने से मौत हो गई। इनमें एक किशोरी और महिलाएं शामिल हैं। बीते 24 घंटों के दौरान बिजनौर के नजीबाबाद में सबसे अधिक 50 मिमी बारिश रिकार्ड की गयी। लखनऊ सहित कई अंचलों में ओले भी पड़े। यूपी में जहां-जहां ओले पड़े हैं, वहां सरसों की तैयार होती फसल को खासा नुकसान हुआ है। सावन की झड़ी
छह जिलों में फसलों को सर्वाधिक नुकसान
उत्तर प्रदेश में 19 से 28 फरवरी के बीच हुई बारिश व ओलावृष्टि से छह जिलों बांदा, फतेहपुर, हमीरपुर, जालौन, कानपुर देहात और कानपुर नगर में फसलों का नुकसान हुआ है। इसमें सर्वाधिक नुकसान बांदा के तहसील पैलानी में हुआ है।
क्षतिग्रस्त फसल का 24 घंटे में दें मुआवजा:योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार देर रात से प्रदेश में खराब मौसम, तेज हवा और ओलावृष्टि से अन्नदाता किसान की फसलों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं। सभी जिलाधिकारियों, एसडीएम और तहसीलदारों को मौके पर जाकर तत्काल सर्वे कराकर संबंधित विभाग को डिटेल उपलब्ध कराने के लिए आदेश दिए हैं ताकि 24 घंटे में अन्नदाताओं के खाते में क्षतिपूर्ति की धनराशि को भेजा जा सके। इसी के साथ सीएम ने आकाशीय बिजली से हुई जनहानि पर पीड़ितों के परिवार को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक मदद देने के आदेश दिए हैं। बिजली गिरने से प्रदेश में 10 लोगों की जान गई है। सीएम योगी ने अधिकारियों को क्षतिपूर्ति देने में लापरवाही न करने की हिदायत दी है। अगर अधिकारी की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
छाते-रेनकोट के साथ ही स्वेटर और जैकेट फिर से निकले
दिल दहला देने वाली बादलों की गर्जना, कड़कती बिजली और बारिश ने मार्च में जुलाई का अहसास करा दिया। ओलावृष्टि ने आफत और बढ़ा दी। मार्च के शुरुआत में अब तक सामान्य से दो सौ फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। इससे तापमान में गिरावट आई तो जनजीवन पर काफी प्रभाव पड़ा है।
गरज-चमक के साथ ओले गिरे
लखनऊ में बारिश की शुरुआत शुक्रवार रात से ही हो गई थी। शनिवार को भी गरज-चमक के साथ बादल बरसे। रविवार को सुबह ही बादल गरजने के साथ तेजी से बरसने लगे। इसके बाद रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी रही। शाम पांच बजे के आसपास बारिश के दौरान अधिसंख्य इलाकों में ओले भी गिरे। सुबह से शाम के बीच 7.4 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई थी। वहीं, 48 घंटों के दौरान कुल 11 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मार्च की शुरुआत में इतनी बारिश आश्चर्यजनक है। मौसम विभाग के अनुसार यह सामान्य से 200 फीसदी अधिक है। वहीं, बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान सामान्य से 7.2 डिग्री सेल्सियस नीचे आ गया। यह 22.4 डिग्री दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 16.2 डिग्री दर्ज किया गया।
अमौसी स्थित मौसम केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार मार्च में बारिश सामान्य रूप से 10 तारीख के बाद होती है, जब तापमान तेजी से बढ़ता है। इस बार शुरुआत में ही काफी बारिश हो गई। इससे शाम तक स्वेटर-जैकेट की जरूरत महसूस होने लगी। सर्द हवा ने बिना गर्म कपड़े लिए निकले लोगों को परेशान किया।
आज पानी थमने की संभावना, बढ़ेगी सर्दी
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव लखनऊ और उसके आसपास के जिलों से आगे बढ़ना शुरू हो गया है। सोमवार को दिन चढ़ने के साथ इसका प्रभाव कम होता जाएगा। इसके बाद आसमान साफ होने की उम्मीद है। अधिकतम तापमान 26 और न्यूनतम 15 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के गुजर जाने के बाद पछुआ में तेजी आएगी। इससे सुबह शाम का तापमान गिरेगा।
तेज हवा से गेहूं व सरसों को नुकसान
बारिश के साथ चली तेज हवा और ओलवृष्टि ने गेहूं और सरसों की फसल को चौपट कर दिया है। खेतों में फसल लोट गई। वहीं आलू किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई है। खेतों में पानी भरने से सब्जियों को भी नुकसान हुआ है। रविवार को नगराम क्षेत्र के रसूलपुर के किसान गेंद यादव ने बताया कि गेहूं में बालियां निकल रही थीं। बारिश और हवाओं से फसल लोट गई है। निगोहां के किसान जितेंद्र ने बताया कि सरसों खेतों में कटी पड़ी थी। बारिश से दाना झड़ गया है। यही नहीं, दलहनी फसल अरहर, मसूर, मटर, चना को भी नुकसान हुआ है। आलू की फसल में खर्रा रोग और खेतों में पानी भरने से सड़न पैदा होने की आशंका बन गई है। आलू मिट्टी के बाहर दिखाई पड़ रहा जो धूप निकलने पर हरा पड़ जाएगा। जिला कृषि अधिकारी तेग बहादुर सिंह ने बताया कि गेहूं में बालियां आ गई थीं। ऐसे में जो गेहूं गिर गया है उसे ही नुकसान होगा। बारिश से आलू की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा।
हवा से बौर झड़े, फफूंद लगने की भी आशंका
बारिश के साथ तेज हवाओं और ओलावृष्टि ने आम की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। आई बौर झड़ गए। केंद्रीय उपोषण बागवानी संस्थान के डॉक्टर प्रभात शुक्ल ने बताया कि बेमौसम बारिश से आम की फसल को 15 से 20 फीसदी नुकसान ओलावृष्टि क्षेत्रों में हुआ है। इस समय फूल बनने के बाद दाना बनना शुरू होता है। ऐसे में बारिश से फूल झड़ जाते हैं। और बारिश से आम को बहुत नुकसान हो सकता है। बारिश के बाद तेज धूप होने से फंफूद और कीट का प्रकोप बढ़ जाता है। सर्वे में नुकसान का सही आकलन हो पाएगा।