Tuesday, November 26, 2024
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festival shopping : ऑनलाइन खरीदारी में न करें जल्दबाजी, नहीं तो सकता है भारी नुकसान

festival shopping : एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि सोशल मीडिया पर खरीदारी के लिए लुभावने विज्ञापन आते हैं। इनके झांसे में आकर लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं। ऐसे मामले अक्सर सामने आते हैं। इसलिए सोच समझकर खरीदारी करें। लालच में पड़ने पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।

सोशल मीडिया पर अक्सर ऑनलाइन शॉपिंग के लुभावने विज्ञापन आते हैं। खासकर तब जब त्योहारी सीजन आ जाता है। रक्षाबंधन और जन्माष्टमी नजदीक है। ऐसे में लुभावने ऑफर की बरसात होने लगी है। एसपी सिटी का कहना है कि किसी भी साइट से खरीदारी करने के पहले पूरी जांच परख कर लें। लुभावने ऑफर के चक्कर में नुकसान उठाना पड़ सकता है।

साइबर सेल के लोगों का कहना है कि इस तरह मामले अक्सर आते हैं। लोग सोशल मीडिया पर लुभावने विज्ञापनों के चक्कर में फंसकर अपनी रकम गंवा बैठते हैं। त्योहारों के समय फर्जी शाॅपिंग साइट के जरिए खरीदारी के ऑफर दिए जाते हैं। इन साइट पर ठगी का शिकार होने पर कस्टमर केयर नंबर नहीं मिलता है। ऐसे मामले सामने आने पर तत्काल साइबर हेल्प लाइन के 1933 नंबर पर काॅल करना चाहिए।

साइबर सेल के विशेषज्ञ शशिशंकर राय और शशिकांत जायसवाल ने बताया कि फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियां का नाम दूसरी ब्रांडेड कंपनियों से मिलता-जुलता होता है। ऐसे में एक या दो अक्षर या मात्रा का फर्क कर जालसाज उन्हीं के जरिए वेबसाइट से सस्ते या फिर नकली सामान की आपूर्ति देते हैं। इन पर ऑफर ज्यादा होने की वजह से लोग आसानी से इनके जाल में फंस जाते हैं।

केस एक

सिविल लाइंस निवासी संगम कुमार ने सोशल मीडिया के जरिए ऑनलाइन ब्लूट्रूथ बुक कराया था। उन्होंने 1600 रुपये का भुगतान कर दिया था। उनका पैकेट आया। उसमें दूसरा ब्लूट्रूथ निकला, जो महज 350 रुपये का था। इसे वापस कराने के लिए उन्होंने शिकायत की तो कस्टमर केयर से बताया गया कि इसे वापस कर लिया जाएगा। बाद में कोई नहीं पहुंचा, जिससे उनकी रकम डूब गई। उनकी शिकायत पर साइबर सेल ने जांच की।

केस दो

शाहपुर की रहने वाली साधना ने 5500 रुपये की आर्टिफिशियल ज्वेलरी मंगाई। उन्होंने फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा था। कंपनी की ओर से जब कुरियर आया तो उन्होंने सामान चेक किया। रेती बाजार में गईं तो पता लगा कि वह सामान 300 रुपये का है। उन्होंने उसे वापस करने का प्रयास किया तो कंपनी ने कोई मदद नहीं की। उनकी शिकायत पर जब जांच हुई तो पता लगा कि फर्जी वेबसाइट के जरिए सामान बेचा जा रहा था। बाद में उन्होंने ही केस बंद करने को कह दिया।

इस तरह जांचें फर्जी बेवसाइट

  • कोई भी वेबसाइट खोलने के पहले यूआरएल की जांच करें।
  • हर वेबसाइट का प्रमाणपत्र होता है। उसकी भी पड़ताल करें।
  • किसी भी कंपनी के बारे में गूगल पर जानकारी लें।
  • कंपनी की साइट पर पता इत्यादि न दिखें तो खरीदारी न करें।
  • कॉपीराइट से भी कंपनी की जानकारी मिलती है, उसे भी देख लें।

एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि सोशल मीडिया पर खरीदारी के लिए लुभावने विज्ञापन आते हैं। इनके झांसे में आकर लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं। ऐसे मामले अक्सर सामने आते हैं। इसलिए सोच समझकर खरीदारी करें। लालच में पड़ने पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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Vinod Maurya
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Vinod Maurya has 2 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done B.Com in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @ upbreakingnewshindi@gmail.com
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