Sunday, November 24, 2024
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यूपी में मौसम का कहर जारी! कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ से मचा हाहाकार, नदियों के जलस्तर हुआ इजाफा

यूपी में मौसम की दोहरी मार पड़ रही है। कहीं पर बारिश से हाहाकार हैं तो कुछ इलाके बारिश ना होने की समस्या से जूझ रहे हैं। यहां पर सूखा पड़ने के आसार हैं।

इस बार मौसम अजीब ढंग से खिलवाड़ कर रहा है। प्रदेश के कुछ जिलों में सूखे की मार पड़ रही है तो कुछ जिलों में नदियां इस कदर उफन गई है बाढ़ से हाहाकार की स्थिति है। कई जगह से लोग पलायन कर तटबंधों पर डेरा डाले हैं तो कई जगह ग्रामीण पलायन की तैयारी कर रहे हैं। उधर, मौसम विभाग का कहना है कि इस सप्ताह बारिश होगी। ऐसे में इस बार लोग बाढ़ और सूखे दोनों से ही जूझ रहे हैं।

बदायूं में गंगा का जल स्तर 12 साल का रिकार्ड तोड़ने के बाद अब स्थिर है। फर्रुखाबाद व नरौरा बुलंदशहर में भी यही आलम है। प्रयागराज में यमुना उफान मार रही है। लखीमपुर खीरी में शारदा में पानी लगातार बढ़ रहा है। एनसीआर क्षेत्र में यमुना में खूब पानी है और तटीय गांवों में बाढ़ के हालात हैं। बहराइच में सरयू में उतार-चढ़ाव जारी हैं जिससे बाढ़ का खतरा बना है। यहां सरयू खतरे के निशान 106.070 मीटर को लांघ गई थी और दो सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। अब यह एक सेंटीमीटर नीचे बह रही है। इससे बाढ़ ग्रस्त इलाके के लोगों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। वहीं दूसरी ओर जिले में इस बार औसत से 25 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है। कुछ दिनों में बारिश नहीं हुई तो सूखे जैसे हालात बन जाएंगे।

सीतापुर में 30 गांव बाढ़ से घिरे

सीतापुर में सरयू व शारदा नदियों के उफनाने से पिछले सप्ताह सरयू का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। इससे महमूदाबाद तहसील क्षेत्र के 30 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए थे। हालांकि जलस्तर में 30 सेमी कमी आने से रास्तों और गांवों के आसपास भरा पानी घट गया है लेकिन लगभग 400 बीघा खेत बाढ़ की चपेट में हैं। किसानों ने कहा बरसात हुई है। इससे धान की रोपाई में फायदा मिला है।

बाराबंकी में पलायन को तैयार ग्रामीण

बाराबंकी में बाढ़ से रामसनेहीघाट, सिरौलीगौसपुर और रामनगर तहसील के 100 से अधिक गांव प्रभावित होते हैं। पिछले करीब 40 दिन से सरयू नदी का जलस्तर घट बढ़ रहा है। नदी किनारे बसे करीब 35 गांव के ग्रामीण अपना बोरिया-बिस्तर बांध कर बैठे हैं। एक दर्जन गांव नदी के उस पार बसे हैं जहां तक राहत पहुंचना मुश्किल है। ऐसे में ये पलायन को तैयार हैं।

गोंडा में तटबंध पर गुजर रही जिंदगी

गोंडा में सरयू में लगातार बैराजों से छोड़े गए पानी का डिस्चार्ज हो रहा है। नदी खतरे के निशान से 29 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। नदी में उफान से करनैलगंज के काफी लोग गांवों से पलायन कर बंधे पर अस्थाई रूप से रह रहे हैं। इसके अलावा तरबगंज तहसील के एक दर्जन पंचायतों के 34 गांवों के किनारे तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। यहां के ढेमवाघाट का पहुंच मार्ग नदी में समा चुका है। फिलहाल कई गांव पानी से घिरे हैं।

अमेठी में हल्की बारिश

अमेठी जिले में जुलाई माह में 58.54 प्रतिशत बरसात हुई है। कई दिनों से बारिश नहीं होने से खरीफ सीजन की फसल सूखने के कगार पर पहुंच रही थी लेकिन शनिवार को 8.8 मिमी तो रविवार दोपहर बाद हुई झमाझम बरसात ने किसानों को वर्तमान में सूखे की परेशानी से निजात दिला दी। गोमती के तटीय क्षेत्र में जलस्तर से बढ़ने से तराई में जलभराव की समस्या है। लेकिन वह बाढ़ जैसी स्थिति अभी नहीं है।

तराई में औसत से 53 प्रतिशत कम हुई बरसात फिर भी राप्ती उफनाई

श्रावस्ती के तराई क्षेत्र में इस साल औसतन 485 एमएल के सापेक्ष अब तक मात्र 220.1 एमएल ही बरसात हुई है जो औसत से करीब 53 प्रतिशत कम है। इसका सबसे ज्यादा असिंचित सिरसिया क्षेत्र प्रभाव पड़ा है। वहीं नेपाल सहित पहाड़ों पर होने वाली बरसात के कारण अब तक दो बार राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर से ऊपर जा चुका है। इससे जहां भिनगा मल्हीपुर मार्ग कट गया।

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Vinod Maurya
Vinod Maurya
Vinod Maurya has 2 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done B.Com in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @ upbreakingnewshindi@gmail.com
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