मथुरा में यमुना उफान पर है। ओखला बैराज से पानी छोड़ा गया है। इससे जलस्तर बढ़ गया है। लोग एक बार फिर बाढ़ के खतरे से दहशत में हैं।
तीर्थनगरी मथुरा के ओखला बैराज से यमुना में सोमवार दोपहर 2.7 क्यूसेक पानी मथुरा की ओर छोड़ जाने से अगले दो दिन में खतरा और बढ़ने की आशंका है। इस पानी के मंगलवार रात पहुंचने की संभावना है। इससे यमुना के जलस्तर में और इजाफा होगा। इसे देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है। वहीं नदी के तटीय किनारों पर बसे गांवों और खादर क्षेत्र में बसे लोगों की चिंता बढ़ गई है।
मथुरा में प्रयाग घाट पर शाम चार बजे यमुना का जलस्तर 165.90 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान से महज 10 सेमी कम है। इधर, ताजेवाला से छोड़ा गया पानी भी बुधवार तक मथुरा पहुंचने की संभावना है। ऐसे में खादर के इलाकों में बसे लोगों ने अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारी शुरू कर दी है।
पिछले 24 घंटे में यमुना के जलस्तर पर महज एक सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। रविवार शाम चार बजे जहां यमुना 165.89 मीटर पर बह रही थी, सोमवार को यह स्तर 165.90 मीटर पर पहुंच गया। इधर, संभावना जताई जा रही है कि शनिवार को ताजेवाला से 2.51 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं, गोकुल बैराज से आगरा के लिए 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
बाढ़ के खतरे को देख घर छोड़ने लगे लोग
बाढ़ के खतरे को देखते हुए खादर इलाके की कॉलोनियों के लोग एक बार फिर घरों से सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लग गए हैं। रविवार के बाद सोमवार को भी लोगों का सुरक्षित स्थानों की ओर जाना जारी रहा।
राहत शिविरों के इंतजाम
प्रशासन बाढ़ राहत शिविरों में इंतजाम दुरुस्त करने में लगा हुआ है। किसी भी प्रकार की आशंका को लेकर प्रशासन पहले से ही अलर्ट हो गया है।