Varanasi Latest news: वाराणसी के मैदागिन स्थित पराड़कर भवन में छेड़खानी के आरोपी मदरसा दायरतुल इस्लाह चिराग ए उलूम के प्रबंधक रिजवान अहमद की पत्रकार वार्ता में जमकर हंगामा हुआ। मदरसे में स्थाई नियुक्ति दिलवाने के बदले छेड़खानी और धन उगाही का आरोप लगाने वाली शिक्षिका ने पहुंचकर विरोध दर्ज कराया।
वाराणसी के रसूलपुरा स्थित मदरसा दायरतुल इस्लाह चिराग ए उलूम में शिक्षक नियुक्ति का विवाद मारपीट तक पहुंच गया है। बुधवार को मदरसे की एक शिक्षिका ने दो अन्य महिलाओं के साथ मैदागिन स्थित पराड़कर भवन में मदरसा प्रबंधक रिजवान अहमद को चप्पल से पीटा। इस दौरान प्रबंधक के लोगों ने भी महिलाओं के साथ मारपीट की। करीब पांच मिनट तक गहमा-गहमी का माहौल रहा।
दरअसल, मदरसा दायरतुल इस्लाह चिरागे उलूम के प्रबंधक रिजवान अहमद और उसके सहयोगी बेलाल अहमद के खिलाफ छेड़खानी और छल सहित अन्य आरोपों में मदरसे की आधुनिक विषय की शिक्षिका ने मुकदमा दर्ज कराया है। अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई देने के लिए रिजवान अहमद ने बुधवार को पराड़कर भवन में पत्रकार वार्ता बुलाई।
प्रबंधक ने शिक्षिका के आरोपों को बेबुनियाद बताया
वह अभी पत्रकारों से मुखातिब होने ही वाले थे तभी आरोप लगाने वाली शिक्षिका दो और महिलाओं के साथ पहुंच गई। प्रबंधक को अपशब्द बोलते हुए चप्पल निकालकर पीटने लगीं। प्रबंधक के लोगों ने भी महिलाओं के साथ धक्कामुक्की की। हालात बिगड़ते देख मौके पर मौजूद पत्रकारों ने बीच-बचाव किया। शिक्षिका का आरोप है कि प्रबंधक रिजवान अहमद मेरी स्थायी नियुक्ति के लिए हमसे पैसे मांग रहे हैं। उन्होंने हमारे साथ बदसलूकी और छेड़खानी की है। वहीं, प्रबंधक ने शिक्षिका के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
क्या है पूरा मामला
महिला के अनुसार, वह वर्ष 2009 से रसूलपुरा स्थित मदरसा में अस्थायी शिक्षिका के तौर पर पढ़ा रही हैं। मदरसे के प्रबंधक रिजवान अहमद ने स्थायी नियुक्ति का आश्वासन देकर उनसे दो लाख रुपये लिया। इसके बाद 13 लाख रुपये और मांगने लगा। बीते 28 जून को रिजवान ने अपने करीबी बेलाल अहमद के माध्यम से उन्हें मदरसे में बुलाया और शारीरिक संबंध बनाने पर स्थायी नियुक्ति की बात कही। उन्होंने विरोध किया तो रिजवान ने उन्हें धक्का देकर गिरा दिया।
अस्पताल जाने पर पता लगा कि रिजवान के धक्के से उनका गर्भपात हो गया है। इस संबंध में 28 जून को ही जैतपुरा थाने में तहरीर दी गई थी, लेकिन मुकदमा नहीं दर्ज हुआ। 12 जुलाई को उन्होंने जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम खून से खत लिख कर न्याय की गुहार लगाई तो शाम में उन्हें मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिली। अगले दिन थाने में जाकर अपना बयान दर्ज कराया।